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Vikrant Rona Review: Kiccha Sudeep की फिल्म में है ऐसा विज़ुअल और सस्पेंस, जो आपने पहले कभी नहीं देखा होगा

Vikrant Rona Review: Kiccha Sudeep की फिल्म में है ऐसा विज़ुअल और सस्पेंस, जो आपने पहले कभी नहीं देखा होगा फिल्म की खास बात यह है कि मध्यांतर तक फिल्म आपको रहस्यों में फंसाए रखती है और सेकंड हॉफ में जिस तरह से एक-एक करके रहस्य खुलते हैं वो आपको आश्चर्यचकित कर जाते हैं। फिल्म का सस्पेंस और थ्रिलर अप्रत्याशित है जिसमें फिल्म छोटी सी छोटी घटनाओं से निकलकर सस्पेंस को खोजती है और ये सस्पेंस आपको चौंकाते हैं।

नई दिल्ली। किच्चा सुदीप (Kichha Sudeep) की फिल्म विक्रांत रोणा (Vikrant Rona) सिनेमाघर में रिलीज़ हो चुकी है और उसका क्रेज लोगों में पूरी तरह से बरकरार है। लोग इस फिल्म के रिलीज़ होने का इंतजार कर रहे थे और लगातार फिल्म की चर्चा भी चल रही है। ऐसे समय में जब फिल्में रिलीज़ होने के बाद, लोगों का सिनेमाघर में इंतजार कर रही हैं वहीं विक्रांत रोणा एक ऐसी फिल्म बनकर उभरी है जिसका इंतजार दर्शक कर रहे थे। किच्चा सुदीप की फिल्म विक्रांत रोणा के ट्रेलर और गीत की काफी प्रशंसा हुई है और लोगों ने फिल्म के प्रति अपना प्रेम दिखाया है। आपको बता दें विक्रांत रोणा की अग्रिम बुकिंग (Advance Booking) में भी खूब टिकट बिके हैं और कई सिनेमाघरों में, पहले दिन का पहला शो सोल्ड आउट हो चुका है। इस फिल्म की मुख्य भूमिका में किच्चा सुदीप हैं और फिल्म का लेखन और निर्देशन अनूप भंडारी (Anup Bhandari) ने किया है फिल्म में छायांकन विलियम डेविड (William David) ने किया है। अगर फिल्म के बजट की बात करें तो इसे लगभग 95 करोड़ के बजट के साथ बनया गया है। यहां हम आपको बताएंगे कि आपको यह फिल्म सिनेमाघरों में जाकर देखना चाहिए या फिर नही।

क्या है फिल्म की कहानी

लगभग आधी सदी पहले, उष्णकटिबंधीय वर्षावन के बीच में, शहर से काफी दूर एक गांव में, कुछ अजीब सी घटनाएं देखने को मिलती है, हर दिन ये घटनाएं बढ़ती जाती हैं और गांववाले ऐसी घटनाओं को एक अलौकिक शक्ति (Supernatural Power) मानते हैं। इसके बाद पूरी कहानी रहस्यों (Mystrey) और कौतुहल (Suspense) पर टिकी रहती है। फिल्म की पूरी कहानी अगर आपको बताने जाएंगे तो गलत होगा क्योंकि उससे फिर कहानी का सस्पेंस खुल जाएगा। लेकिन इतना जरूर है कि कहानी में आपको बेहतरीन सस्पेंस और मिस्ट्री देखने को मिलती है।

कैसी है फिल्म की कहानी

अगर बात करें कि फिल्म की कहानी की, तो इस फिल्म ने अपने टेक्निकल डिपार्टमेंट (Technical Department) में जो काम किया है वो अतुलनीय है। चाहे वो वीएफएक्स हो (VFX), कैमरा वर्क(Camera Work)) हो और लाइटिंग (Lights) का प्रयोग हो सभी ने विज़ुअल्स को एक नया लुक देने का काम किया है। विज़ुअल्स के हिसाब से फिल्म के अंक कटते हैं नहीं बल्कि पूर्णाक से ज्यादा दिए जा सकते हैं। अगर फिल्म में सस्पेंस और मिस्ट्री की बात करें तो वो ऐसा है कि, कहानी के पहले हॉफ (First half) में आप रहस्य (Suspense) का पता लगाने में ही रह जाते हो। आप अपने हिसाब से रहस्यों का अनुमान लगाते हो (जैसे – आपको लगता है ये सब कुछ कर रहा है फिर कुछ देर में लगता है, ये सब कुछ कर रहा है) लेकिन इन सबके बीच, आपके सारे अनुमान गलत निकलते हैं और फिल्म में कुछ अलग रहस्य खुल जाता है।

फिल्म की खास बात यह है कि मध्यांतर (Interval) तक फिल्म आपको रहस्यों में फंसाए रखती है और सेकंड हॉफ (Second Half) में जिस तरह से एक-एक करके रहस्य खुलते हैं वो आपको आश्चर्यचकित (Shocked) कर जाते हैं। फिल्म का सस्पेंस और थ्रिलर अप्रत्याशित (Unpredictable) है जिसमें फिल्म छोटी सी छोटी घटनाओं से निकलकर सस्पेंस को खोजती है और ये सस्पेंस आपको चौंकाते हैं।

फिल्म के पटकथा और डायरेक्शन की बात करें तो जैसा कि मैंने पहले बताया फिल्म को इतने बारीक ढंग से लिखा गया है कि एक बेहतर सस्पेंस और थ्रिलिंग अनुभव होता है। संवादों के साथ उनकी डबिंग भी अच्छी है लेकिन कभी-कभी थोड़ी सी कहानी इधर से उधर भटकती भी है। जो लोग डार्क फिल्म को ज्यादातर नही देखते हैं उनके लिए इस फिल्म का अनुभव थोड़ा सा उबाऊ हो सकता है लेकिन जिन्हें मनोरंजन के साथ-साथ, सस्पेंस से जुडी, उच्च दर्ज़े के विज़ुअल्स के साथ फिल्में देखना पसंद है उनके लिए यह कहानी पसंदीदा कहानियों में से एक हो सकती है।

कुल मिलाकर हर किसी के लिए फिल्म एक अच्छा अनुभव देती है जिसमें कहानी के साथ,नये विज़ुअल्स देखने को मिलते हैं और एक नयी और विशिष्ट कहानी भी देखने को मिलती है। कहानी मनोरंजन लेवल पर खास है लेकिन भावनात्मक लेवल पर कुछ कमजोर हो जाती है। अगर डायरेक्शन की बात करें तो उसमें कोई कमी देखने को नही मिलती हैं हां ऐसा जरूर है कि जिन जगह पर कुछ ज्यादा अंधेरा है उससे बचा जा सकता था और दर्शकों को थोड़ा चमकदार विज़ुअल्स भी देने चाहिए थे। वहीं अगर फिल्म की एडिटिंग और संगीत की बात करें तो संगीत बेहतरीन है लेकिन एडिटिंग थोड़ी और की जा सकती थी क्योंकि एक लेवल पर जाकर फिल्म कुछ बड़ी लगने लगती है। किच्चा सुदीप का अभिनय शानदार है और उन्हें पर्दे पर बेहतरीन तरीके से उतारा गया है वो चाहे फिल्म में एंट्री के वक़्त उनका सीन (Entry Scene) हो या फिर संगीत के दौरान उनका नाच (Dance) हो वो सभी में परफेक्ट नज़र आते हैं।