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बढ़ सकती हैं कुणाल कमरा की मुश्किलें, अवमानना मामले में माफी मांगने से किया इंकार

अक्सर अपने ट्वीट को लेकर चर्चा में बने रहने वाले कॉमेडियन कुणाल कामरा (Kunal Kamra) एक बार फिर सुर्खियों में हैं। दरअसल शुक्रवार को कुणाल कामरा ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में न्यायपालिका के खिलाफ अपने ट्वीट्स के अवमानना ​​नोटिस के जवाब में माफी मांगने से इनकार कर दिया है।

नई दिल्ली। अक्सर अपने ट्वीट को लेकर चर्चा में बने रहने वाले कॉमेडियन कुणाल कामरा (Kunal Kamra) एक बार फिर सुर्खियों में हैं। दरअसल शुक्रवार को कुणाल कामरा ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में न्यायपालिका के खिलाफ अपने ट्वीट्स के अवमानना ​​नोटिस के जवाब में माफी मांगने से इनकार कर दिया है।

kunal kamra

कुणाल ने कोर्ट में पेश किया हलफनामा

कुणाल कामरा ने गुरुवार को सर्वोच्च अदालत में हलफनामा पेश किया। जिसमें उन्होंने कहा कि देश के शीर्ष न्यायालय में आम जनता का भरोसा कम करने की मंशा से मैंने ट्वीट्स नहीं किए थे। कोर्ट में पेश किए अपने हलफनामे में कामरा ने कहा कि यह मानना कि लोकतंत्र में सत्ता की कोई भी संस्था आलोचनाओं से परे है तो यह कहना ठीक वैसे ही है जैसे कोई यह कहे कि गैर नियोजित राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान प्रवासी अपने-अपने घरों को लौटने का प्रबंध स्वयं करें, यह तर्कहीन और अलोकतांत्रिक है।

सुप्रीम कोर्ट अवमानना मामला

गौरतलब है कि कुणाल कामरा सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ अभद्र एवं अपमानजनक ट्वीट करने के कारण अदालत की अवमानना का सामना कर रहे हैं। अपने हलफनामे में कामरा ने इस बात पर जोर दिया कि न्यायपालिका में जनता का विश्वास संस्था की अपनी क्रियाओं के कारण होता है, न कि इसके बारे में किसी आलोचना अथवा टिप्पणी से।

Kunal Kamra

उन्होंने कहा कि ऐसा मानना कि मेरे ट्वीट्स से दुनिया के सबसे शक्तिशाली कोर्ट की नींव हिल जाएगी, इतनी मेरी क्षमता नहीं है। जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट लोगों के भरोसे का सम्मान करती है, वैसे ही उसे इस बात पर भी यकीन करना चाहिए ताकि ट्विटर पर कुछ जोक्स के आधार कोर्ट कोई राय कायम न करे। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे संवैधानिक अदालतों के जज देश के सबसे शक्तिशाली लोगों में शुमार होते हैं। कामरा ने अपने हलफनामे में कहा, न्यायपालिका में जनता का विश्वास संस्था की अपनी क्रियाओं के कारण होता है, न कि इसके बारे में किसी आलोचना अथवा टिप्पणी से।