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Swaraj: अब स्वतंत्रता के हीरो की सच्ची कहानियों से रूबरू होंगे दर्शक, भारत सरकार करने जा रही है कुछ ऐसा

Swaraj: अब स्वतंत्रता के हीरो की सच्ची कहानियों से रूबरू होंगे दर्शक, भारत सरकार करने जा रही है कुछ ऐसा इस सीरीज में उन वीरों की महान गाथा बताई जा रही है जिन्होंने आजादी के लिए बिना सोचे समझे अपने प्राणों की आहुति दी है। यहां हम आपको इस शो के बारे में ही कुछ जानकारी देने का प्रयास करेंगे।

नई दिल्ली। ऐतिहासिक सीरीज स्वराज भारत के स्वतंत्रता सेनानी की गाथा कहने वाला 75 एपिसोड का मेगा शो है। जिसे 14 अगस्त से हर रविवार दूरदर्शन पर प्रसारित किया जायेगा। जिसमें 15वीं शताब्दी के बाद से, भारत के गौरवशाली स्वंत्रता संग्राम को दिखाया गया है। अभिनेता मनोज जोशी इस धारावाहिक में एक कथाकार के रूप में अहम भूमिका निभा रहे हैं। इस शो में भारत के 500 साल के इतिहास को दिखाया गया है। जिसको बनाने में अधिक रिसर्च और टीम वर्क लगा है। इस सीरीज में उन वीरों की महान गाथा बताई जा रही है जिन्होंने आजादी के लिए बिना सोचे-समझे अपने प्राणों की आहूति दी है। इस सीरीज की लांच सेरेमनी में गृहमंत्री अमित शाह भी शामिल हुए और उन्होंने इस शो के मेकर्स की तारीफ की। जिसमें उन्होंने स्वराज (Swaraj) शब्द के अर्थ को बताया और स्वराज प्राप्ति के लक्ष्य के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा स्वराज का उद्देश्य तभी प्राप्त होगा जब हम अपनी भाषाओं को बचा पाएं और हम अपने इतिहास को आने वाली पीढ़ी तक देकर जायें। इसके अलावा उन्होंने हिन्दू धर्म के बारे में भी कई महत्वपूर्ण बातें किया। यहां हम आपको इस शो के बारे में ही कुछ जानकारी देने का प्रयास करेंगे।

सीरीज में बताया गया है कैसे भारत सदैव विश्व का पथप्रदर्शक रहा है धर्म का, अध्यात्म का, ज्ञान का, विज्ञान का, शिक्षा का, जिसने हमेशा सभी को स्वीकार किया है। “विदेशियों का किया सत्कार ,लेकिन फिर यहां जब विदेशी आए करने को व्यापार, तब वह करने लगे छल का कारोबार। सोने की चिड़िया के पंखों को वो कतरने लगे। समाज संस्कृति शिक्षा और संस्कार को नष्ट वो करने लगे। इन सबके बावजूद भारत की स्वराज की की चेतना कम न हुई और एक बार फिर से स्वतंत्रता की आवाज गूंजने लगी।”

इस सीरीज का उद्देश्य केवल उन नायकों के बारे में बताना नहीं है जो गांधी जी के नेतृत्व में शामिल थे बल्कि उन हज़ारों नायकों के बारे में बताना है, जिन्होंने गांधी जी के सैंकड़ों साल पहले से अपनी-अपनी जगह की आजादी को बचाने के लिए संघर्ष किया। इस सीरीज के प्रोमो से ही अंदाजा लग गया है कि इस फिल्म के संवाद और पटकथा बेहतरीन होने वाली है। यहां हम इस सीरीज के प्रोमो में बोले गए कुछ संवाद आपके सामने रख रहे हैं।

“ये चिता की अग्नि भले ही बुझ जायेगी पर मेरे हृदय में जल रही प्रतिशोध की अग्नि तब तक नहीं बुझेगी जब तक मैं इन अंग्रेज़ों को ख़ाक में न मिला दूं।”

“मुट्ठी भर अंग्रेज़ और हमारे विशाल देश पर राज्य करने का स्वप्न देख रहे पर हम इनके स्वप्न को चकनाचूर कर देंगे।”

“लोहे का सीना रखने वाले योद्धा तोपों से नहीं डरते।”

“जब तक मैं इन दुष्टों से अपना राज्य वापस नहीं ले लेती मैं चैन की सांस नहीं लुंगी।”

इस शृंखला में दर्शकों को भारत के 450 वर्षों के स्वराज संग्राम को तीन चरणों में दिखाया जाएगा। प्रथम चरण में 1498-1757 के वर्ष को दिखाया जायेगा। द्वितीय चरण में 1761 से 1818 के वर्षों को दिखाया जायेगा और तृतीय चरण में 1905 से 1947 के चरण को दिखाया जायेगा। इस सीरीज की चर्चा कहीं नहीं है पर जब भी आप इसे देखेंगे तो इसके एक भी धारवाहिक को आप नहीं भूलेंगे। इस सीरीज के माध्यम से भारत के आध्यात्म, ज्ञान, योग, विज्ञान, शिक्षा आदि से दर्शकों को परिचित कराया जाएगा। जिससे दर्शकों को भी भारतवासी होने पर गर्व महसूस हो।

सीरीज के माध्यम से सिर्फ मुगलों का ही नहीं बल्कि पुर्तगाली, डच, फ्रांसीसी जिन्होंने भी भारत के साथ अमानवीय व्यवहार किया उनकी कहानी को दिखाया जाएगा। इस सीरीज के माध्यम से उन शूरवीरों की कहानी कही जाएगी जिनके साथ भेदभाव हुआ। जहां एक तरफ महान क्रांतिकारियों को काला पानी की सजा मिली, उन्हें कालकोठरी में कई कई दिनों तक रखा जा रहा था जहां मलमूत्र त्यागने की भी जगह नहीं थी, पानी नहीं दिया जाता था। वहीं दूसरी तरफ कुछ लोगों के लिए लाइब्रेरी, कलम, कागज व रहने के लिए उचित प्रबंध किया जाता था। इस सीरीज में उन्ही शूरवीरों की गाथा है जिन पर ब्रिटिश, पुर्तगाली और कइयों बाहरी आक्रांताओं ने तमाम तरह से अमानवीय व्यवहार किया और इस पर भी उन वीरों ने स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ना नहीं छोड़ा।

इस शो में कुल 75 एपिसोड हैं। इसे 14 अगस्त से शुरू किया जायेगा। हर रविवार को इसके एक एपिसोड को प्रसारित किया जाएगा। हिंदी के साथ इसे तेलुगु, कन्नड़ा, गुजराती, उड़िया, बंगाली, मराठी और अन्य भाषाओं में भी प्रसारित किया जाएगा। इस सीरीज में बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा लिखा गया आनंद मठ के सन्यासी क्रान्ति के बारे में बताया जाएगा। जिसके बारे में बहुत से लोगों को पता भी नहीं है। सन्यासी क्रान्ति को अंग्रेज़ों के विरुद्ध लड़े गये सबसे पहले स्वतंत्रता संग्राम के तौर पर जाना जाता है। इसे सन्यासियों के द्वारा दिखाया जाएगा। इसके अलावा मुरुथु पंडियार, वीरपंडया कट्बोम्मन, मार्तण्ड वर्मा जी, भगवान बिरसा मुंडा जी, शिवप्पा नायक जी, बाजीराव पेशवा जी, तिलका माझी जी और वीर छत्रपति शिवाजी महाराज जी जैसे वीर शूरवीरों की कहानी इस सीरीज में दिखने वाली है। इस सीरीज को भारत सरकार दर्शकों के सामने ला रही है। जिसे लाते वक़्त काफी रिसर्च और किताबों को खंगाला गया है और सभी बातों का ख्याल रखते हुए इस सीरीज का निर्माण किया गया है।