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Rocketry: The Nambi Effect : क्यों माधवन ने कहा, अमेरिका से अच्छे, रियल हीरो भारत में थोक में पड़े हैं, जिनकी हम बात नहीं करते

Rocketry: The Nambi Effect : क्यों माधवन ने कहा, अमेरिका से अच्छे, रियल हीरो भारत में थोक में पड़े हैं, जिनकी हम बात नहीं करते, माधवन ने फिल्म को कड़ी मेहनत, सालों की रिसर्च, घण्टों के विचार-विमर्श के बाद बनाया है।

नई दिल्ली : भारत के एक स्टार हैं, नाम है आर. माधवन। तमिल और हिंदी फिल्मों में ज्यादा दिखते हैं, इसके अलावा मलयालम, तेलुगु और कन्नड़ भाषाओँ में भी फिल्में की हैं। कुछ लोग उन्हें फिल्म “तनु वेड्स मनु” के, मनु नाम से जानते हैं तो कुछ लोग “थ्री इडियट्स” के फरहान कुरेशी के नाम से जानते हैं तो वहीँ कुछ उन्हें फिल्म “रहना है तेरे दिल में”, के माधव शास्त्री के नाम से भी जानते हैं। उनकी तीनों फिल्म से, लोग उनके फैन हैं। आने वाले शुक्रवार की 1 जुलाई को, माधवन की एक फिल्म आने वाली है, जिसका नाम है राकेट्री: द नांबी इफेक्ट। माधवन ने फिल्म को कड़ी मेहनत, सालों की रिसर्च, घण्टों के विचार-विमर्श के बाद बनाया है। वर्ष 2010 में माधवन को स्टोरी आइडिया पसंद आया था और उन्होंने फिल्म को बनाने का निर्णय ले लिया था, पर सच तो ये है, जब आप अकेले होते हो और काम पर्वत के समान बड़ा होता है, तब आपको उसे करने में समय तो, लगता ही है। समय, माधवन को भी लगा और साल 2017 में कठिन और तथ्यात्मक रिसर्च के बाद, माधवन ने फिल्म का अनाउंसमेंट किया। 2019 में फिल्म बनने की शुरुआत हुई और 2020 के खत्म होते फिल्म बनकर तैयार हो गयी। तब से माधवन के फैंस के बीच में फिल्म को लेकर चर्चा बनी हुई है, और अब फिल्म, 1 जुलाई को रिलीज़ होने को तैयार है। फिल्म के रिलीज़ से पहले, माधवन अकेले, फिल्म को खुद के कंधे पर उठाये, प्रमोट कर रहे हैं और इस बीच उनके कई वीडियो वायरल भी हो रहे हैं।

माधवन ने क्या कहा

फिल्म के प्रमोशन के दौरान माधवन का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें माधवन कहते हैं ” नांबी नारायणन के साथ जो हमने किया वो इंडिया में क्या, दुनिया के किसी भी आदमी को अपने साइंटिस्ट के साथ नहीं करना चाहिये। माधवन कहते हैं, हम फिल्मवाले बड़े-बड़े बजट की फिल्म बनाते हैं। फ्रीडम के बारे में बताते हैं, मुगलों से लड़ाई की फिल्म बनाते हैं। लेकिन एक और क्षेत्र है, जहाँ इंडिया की अचीवमेंट को सराहा जाता है, सर-आँखों पर रखा जाता है वो है साइंस और टेक्नोलॉजी जिसकी कहानी कोई नहीं कहता है । अमेरिका जब इंटेस्टेलर बनाता है, इन्सेप्शन बनाता है, अपोलो 13 जैसी फिल्म बनाता है, स्टीव जॉब्स पर बनाता है तो हमें लगता है की अमेरिका ही ताक़तवर है, यही दुनिया को बचाएंगे, पर सच तो ये है थोक के भाव में हमारे यहाँ ऐसे हीरोज़ रोज पड़े हैं, जिनके बारे में हम बात भी नहीं करते हैं। इनके बारे में बात करना, बहुत जरूरी है भाईसाहब। क्योंकि मुझे पता है, आने वाले समय में टेक्नोलॉजी हमारे लिये बहुत आवश्यक हो जायेगी और बहुत ही शीघ्र, आपके अनुमान से भी शीघ्र, हमारे लिये अंतरिक्ष पर जाना अनिवार्य हो जायेगा।

आगे माधवन कहते हैं, पहले इंसान ने, जमीन पर कब्ज़ा किया वो राजा हो गया, कुछ सदी बाद जिसका समुद्रों पर कण्ट्रोल रहा वो पूरे दुनिया को चलाने लग गया, उसके बाद पॉवरफुल नेशन वो बने, जिन्होंने आकाश पर कंट्रोल कर लिया। अब पावरफुल नेशन वो देश बनेगा जिसका अंतरिक्ष पर कण्ट्रोल होगा। वो कहते हैं की इंडिया में ऐसी काबिलियत है और उसने पहले भी ऐसे करके दिखाया है। जहाँ वो भारत के साइंटिस्ट की तारीफ करते हैं, उन्हें सलाम करते हैं वहीँ वो इन सबमें हिन्दू के धार्मिक क्लेंडर “पंचांग” की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में भी बात करते हैं, कि कैसे पंचांग के कैलकुलेशन की मदद से सब कुछ सम्भव हो पाया, और भारत ने कम साधनों के बावजूद अपना मंगल मिशन पूरा किया।

फिल्म किस पर है

फिल्म भारत के महान पूर्व साइंटिस्ट और एयरोस्पेस इंजीनियर नांबी नारायणन की जिंदगी पर आधारित है जिन्होंने इसरो के लिए काम किया और फिर कैसे बाहरी देशों के कारण, भारत के महान साइंटिस्ट को जासूसी के झूठे केस में पकड़ा गया उन्हें 50 दिनों तक जेल में रखा गया और भारत के ही ऑफिसर्स के द्वारा ऐसे टॉर्चर किया गया कि कई बार उन्हें अस्पताल में भी भर्ती करना पड़ता था। नांबी नारायणन को जितना शारीरिक और मानसिक दुःख सहना पड़ा वहीँ इसरो भी उस समय 10 साल पीछे चला गया। नारायणन जी का योगदान, भारत को वो “विकास इंजन” देने में हुआ है, जिसका इस्तेमाल आज भी पीएसएलवी और जीएसएलवी के लिये होता है। भारी बेइज्जती और शारीरिक मानसिक तनाव झेलने के बाद कोर्ट ने कहा, कि ऐसा कुछ हुआ ही नहीं है, नांबी नारायणन पर लगे आरोप पूर्णतः गलत थे। नांबी नारायणन के अरेस्ट के कारण इसरो जो मिशन 1999 में पूरा कर सकता था, वो 2014 में कम्प्लीट हुआ। ये सब इसलिए हुआ, क्योंकि बाहरी ताकत नहीं चाहती थी कि भारत साइंस में प्रगति करे और आगे बढे। तो इस तरह से ऐसा जासूसी काण्ड बुना गया जो कोई काण्ड था ही नहीं।

“इसी पर आधारित है राकेट्री : द नांबी इफेक्ट, जो उस साइंटिस्ट की कहानी है, जिसे इसलिए टॉर्चर किया गया क्योंकि वो भारत की तरक्की चाहता था।”

फिल्म का ट्रेलर कैसा है

फिल्म का ट्रेलर बहुत दमदार, इमोशन से भरा हुआ, दिल को झकझोड़ कर, रुला देने वाला है। अगर आप नांबी नारायणन की जिंदगी से परिचित हैं तब आप ट्रेलर के डायलाग को सुनेगे तो आपके आँख से खून के आंशू कतरे बनकर बहने लगेंगे। फिल्म का ट्रेलर बताता है कि, कैसे नारायणन की महत्वाकांक्षी सोच ने भारत को साइंस में, ऊंचाइयां छूने में, मदद किया है। फिल्म में बेहतरीन विसुअल हैं, सॉलिड वीएफएक्स हैं, और डेरिंग नारायणन हैं, जिनकी भूमिका माधवन निभा रहे हैं। फिल्म राष्ट्रवाद से भरी हुई है, जिसमें सितारों तक पहुँचने की ख्वाइश है। फिल्म में देशभक्ति और देवभक्ति दोनों का विवरण है। फिल्म के गाने भी काफी अच्छे हैं जिनकी कुछ क्लिप्स ही सुनने के लिये मिली हैं। इसके अलावा कुछ दिन से लगातार भगवान वेंकटेश की प्रार्थनायें भी , माधवन पोस्ट कर रहे हैं,  शायद वो भी फिल्म का हिस्सा हों।

फिल्म कब रिलीज़ हो रही है

फिल्म 1 जुलाई को रिलीज़ हो रही है, ऐसी राष्ट्रवादी कहानियां भारत में कम ही बनती हैं। भारत के लोगों ने पहले भी राष्ट्रवादी कहानियों को प्रेम दिया है, अब देखिये इस  साइंटिस्ट की जिंदगी पर आधारित कहानी कौन देखता है, जिसके कारण भारत ने ऊंचाइयां छुई हैं । आपको बता दें 2019 में भारत सरकार ने नांबी नारायणन को, पद्मा भूषण अवार्ड से सम्मानित किया है।