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OTT or Box Office: दुखद खबर ! अब OTT पर फिल्म देखने के लिए दर्शकों को करना पड़ेगा बेहद लम्बा इंतजार

OTT or Box Office: दुखद खबर ! अब OTT पर फिल्म देखने के लिए दर्शकों को करना पड़ेगा बेहद लम्बा इंतजार मिराज सिनेमा के सीईओ अमित शर्मा कहते हैं,”हमने जिन सामग्री निर्माताओं (Content Producer) से बात किया उनमें से अधिकांश ने सहमति व्यक्त करी है कि जब थिएट्रिकल रिलीज और ओटीटी प्रीमियर के बीच 8 सप्ताह का अंतर होता है, तो लोग फिल्म थिएटर में देखने के लिए तात्कालिकता दिखाते हैं।”

नई दिल्ली। अगर आप इस इंतजार में हैं कि जो फिल्म थिएटर में रिलीज़ होती हैं उन्हें आप थिएटर में न देखकर ओटीटी प्लेटफार्म (OTT Platform) पर देख सकेंगे तो आने वाले समय में ऐसा नहीं होने वाला है क्योंकि 1 अगस्त 2022 के बाद से फिल्म को ओटीटी पर रिलीज़ होने में 8 सप्ताह का समय लगेगा। अब 1 अगस्त के बाद से हर फिल्म चाहे वो बॉलीवुड (Bollywood) और चाहे हॉलीवुड (Hollywood) हो, उसे 8 सप्ताह के लम्बे अंतराल के बाद ही ओटीटी पर रिलीज़ किया जाएगा। क्योंकि अक्सर थिएटर में रिलीज़ करने के कुछ ही सप्ताह बाद फिल्म को ओटीटी पर रिलीज़ करने से, “निर्माताओं (Producers) और प्रदर्शकों (Exhibitors)” के बीच अक्सर कुछ तनातनी देखने को मिल जाती है। पिछले वर्ष कंगना रनौत (Kangana Ranaut) की फिल्म थलाइवी (Thalaivi) के साथ भी कुछ ऐसा ही वाकया हुआ जब मेकर्स ने फिल्म को, थिएटर में रिलीज़ के दो सप्ताह बाद ही ओटीटी प्लेटफार्म पर रिलीज़ कर दिया, जिससे प्रदर्शक नाखुश दिखे।

फिल्म निर्माता और निर्देशक जिनकी फिल्में ओटीटी प्लेटफार्म पर सफल नही हो पाते हैं वो आनन-फानन में फिल्म को ओटीटी पर रिलीज़ करना चाहते हैं जहां से उन्हें अच्छा-खासा लाभ मिलता है। इसके अलावा मात्र चार सप्ताह का अंतराल भी दर्शकों को सिनेमाघर तक खींचकर नही लाता है क्योंकि वो सोचते हैं आने वाले वक़्त में वो घर बैठे ओटीटी प्लेटफॉर्म पर फिल्म को देख लेंगे जिसके कारण प्रदर्शकों को काफी नुक्सान सहना पड़ता है।

अगर हम बॉक्स ऑफिस की वृद्धि (Box Office Growth) की बात करें, तो 80 प्रतिशत का फायदा टिकट मूल्य में वृद्धि करके हुआ है। इस वर्ष बॉक्स ऑफिस पर मुख्यतः हिंदी फिल्मों (Hindi Films) का योगदान कम ही रहा है जहां वर्ष 2019 में हिंदी फिल्मों का योगदान 44 प्रतिशत था वह अब घटकर मात्र 35 प्रतिशत रह गया है। इसके अलावा वर्ष 2020 में डिजिटल अधिकारों (Digital Rights) में भी 84 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जो 2019 में 1900 करोड़ की तुलना में 2020 में 3500 करोड़ रूपये देखी गई है।

इन सब विषय पर मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के प्रेसिडेंट और पीवीआर पिक्चर्स (PVR Pictures) के सीईओ कहते हैं,” हिंदी फिल्में, जो हमारी सामग्री (Content) का मुख्य स्रोत (Source) हैं, और हॉलीवुड भी, जो दूसरी सबसे बड़ी स्त्रोत है, कम से कम आठ सप्ताह (विंडो) का पालन करेगी। पीवीआर श्रृंखला में रिलीज होने वाली 75 प्रतिशत से अधिक फिल्मों में हिंदी और हॉलीवुड फिल्में शामिल हैं। यहां तक कि तमिल (Tamil) और तेलुगु (Telugu) के डब किए गए संस्करण (Edition) भी आठ सप्ताह की विंडो का अनुसरण (Follow) करेंगे।

मिराज सिनेमा के सीईओ अमित शर्मा कहते हैं,”हमने जिन सामग्री निर्माताओं (Content Producer) से बात किया उनमें से अधिकांश ने सहमति व्यक्त करी है कि जब थिएट्रिकल रिलीज और ओटीटी प्रीमियर के बीच 8 सप्ताह का अंतर होता है, तो लोग फिल्म थिएटर में देखने के लिए तात्कालिकता दिखाते हैं।” इसके अलावा फिल्म प्रोड्यूसर और ट्रेड एनालिस्ट गिरीश जोहर कहते हैं, कोरोनावायरस के प्रकोप के कारण पिछले दो वर्षों में एक फिल्म की थिएट्रिकल रिलीज़ और ओटीटी स्ट्रीमिंग के बीच का अंतर कम हो गया था, जिसके परिणामस्वरूप कई महीनों तक थिएटर बंद रहे थे। वर्तमान में, यह अंतराल (Gap) चार सप्ताह है और अगर फिल्म अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही है (थिएटर में) तो यह तीन सप्ताह तक कम हो जाती है।”

जौहर ने यह भी कहा कि दर्शकों का एक निश्चित वर्ग है जो प्रतीक्षा करने के लिए तैयार है क्योंकि उन्हें पता है कि फिल्म जल्द ही ओटीटी पर स्ट्रीम होगी। “यही कारण है कि हम कम वॉक-इन देख रहे हैं और यही कारण है कि कमाई के लिहाज़ से कोई बड़ा पहला दिन (Box Office Opening Day) नहीं रहा है।” उन्होंने कहा कि फिल्म को अपने दम पर खड़े होने का मौका देने के लिए इंडस्ट्री, थिएट्रिकल रिलीज विंडो (Window) का विस्तार कर रहा है, उम्मीद है कि बॉक्स ऑफिस कारोबार (Box Office Business) में सुधार होगा। जौहर ने बताया कि आमिर खान (Aamir khan) की लाल सिंह चड्ढा (Laal Singh Chaddha), अक्षय कुमार(Akshay Kumar) की रक्षा बंधन (RakshaBandhan) और रणबीर कपूर (Ranbir Kapoor) की ब्रह्मास्त्र (Brahmastra) सहित कुछ फिल्में ऐसी हैं जो आठ सप्ताह की खिड़की का अनुसरण (Follow) करेंगी।

ऑरमैक्स इंडिया के पार्टनर गौतम ए जैन का मानना है, “स्ट्रीमिंग रिलीज के लिए आठ सप्ताह की विंडो, एक स्वागत योग्य कदम है, आगामी फिल्मों के थिएट्रिकल व्यवसाय के भाग्य को प्रभावित नहीं कर सकता है। “महामारी के बाद, जो हम फिल्म देख रहे हैं, वह एक ऐसा चलन है जहां दर्शक अपना मन बना रहे हैं कि किसी विशेष फिल्म को ही थिएटर में देखना है।” ऐसा ही कुछ भंसाली प्रोडक्शन प्राइवेट लिमिटेड की सीईओ प्रेरणा सिंह का भी मानना है उन्होंने कहा है, “यह बेहतर होगा कि हम विंडो को आठ सप्ताह तक सीमित रखें लेकिन यह फिल्म निर्माता पर निर्भर करता है। हम चर्चा कर रहे हैं कि क्या यह पूरे बोर्ड में होगा। फिल्म की कहानी और ओटीटी के साथ डील स्ट्रक्चर जैसे कई कारक (Factors) काम आते हैं। बड़ी फिल्में आठ सप्ताह की खिड़की दिखेंगी।”