Shah Rukh Khan: शाहरुख खान की वो फिल्में जिनमें गुंडों का किया गया महिमामंडन, सभ्यता को हुआ नुकसान

Shah Rukh Khan: शाहरुख खान की वो फिल्में जिनमें गुंडों का किया गया महिमामंडन, सभ्यता को हुआ नुकसान शाहरुख पर भी कई तरह के आरोप लगते हैं और यहां हम आपको शाहरुख की उन फिल्म के बारे में बताएंगे जहां उन्होंने विलेन का महिमांडन किया है।

Avatar Written by: November 7, 2022 2:29 pm

नई दिल्ली। बॉलीवुड (Bollywood) के किंग खान शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) पर तमाम आरोप लगते रहते हैं, इसके अलावा बॉलीवुड के फिल्मकारों जैसे करण जौहर (Karan Johar), आदित्य चोपड़ा (Aditya Chopra) और अन्य पर भी कई तरह के आरोप लगते हैं। बॉलीवुड के बारे में लोगों का मानना है कि बॉलीवुड ने विदेशी संस्कृति को बढ़ावा दिया है और भारतीय संस्कृति को पीछे छोड़ दिया है। इसके अलावा जब भी हिन्दू संस्कृति को दिखाया है तो उसे नीचा दिखाने का प्रयास किया है कभी भी उसे उठाने का प्रयास नहीं किया गया है। बॉलीवुड (Bollywood) पर अश्लीलता फैलाने के भी आरोप लगते हैं कि कैसे आधुनिक दौर की बात करते हुए बॉलीवुड ने अश्लीलता को बढ़ावा दिया है और जो जड़ों से जुड़ी हुई कहानियां हैं उन्हें पीछे छोड़ दिया है। शाहरुख पर भी कई तरह के आरोप लगते हैं और यहां हम आपको शाहरुख की उन फिल्म के बारे में बताएंगे जहां उन्होंने विलेन का महिमांडन किया है।

जयपुर डायलॉग (The Jaipur Dialogues) के द्वारा आयोजित जयपुर लिटरेचर फेस्ट में वक्ता के तौर पर शामिल हुए पत्रकार भाऊ तोरसेकर (Bhau Torsekar) ने बॉलीवुड पर अपनी राय रखी। वैसे तो वो राजनीति पर अपनी राय रखते रहते हैं लेकिन उन्हें फिल्म जगत और बॉलीवुड की भी अच्छी परख है और इस पर उनकी पैनी नज़र भी है। बॉलीवुड पर अपनी राय रखते हुए भाउ तोरसेकर ने कहा,“मैं 30 साल पहले 1991 की बात करूंगा जब मुंबई के पास उल्लास नगर में बोर्ड की परीक्षा हो रही थी। उस समय एक सेंटर में 2 गुंडे घुसे, वहां एक बच्ची परीक्षा दे रही थी, उन गुंडों ने परीक्षा दे रहे बाकी के बच्चों को भगाया और उस बच्ची पर मिटटी का तेल डालकर जला दिया। उस बच्ची का नाम था रिंकू पाटिल।”

आगे उन्होंने कहा, “बॉलीवुड ने इसी घटना का उदात्तीकरण किया। यानी इसी घटना को श्रेष्टता से दिखाकर प्रस्तुत करने का काम, बॉलीवुड ने किया। शाहरुख की “डर”, “बाजीगर” और “अंजाम” ये तीन फिल्म हैं, जिसने शाहरुख खान को सुपरस्टार बना दिया। एकतरफा प्रेम से जो बच्ची जला दी जाती है उसी विषय पर बनी डर, बाजीगर और अंजाम फिल्म में शाहरुख खान ने काम किया है और उसको हमने हीरो बना दिया। कहां गई हमारी सभ्यता। इस बारे में कोई भी फिल्म क्रिटिक ने नहीं लिखा है। उन फिल्मों ने हमारी संवेदना मार दी है।”

भाऊ तोरसेकर कहते हैं, 1991 के बाद से आजतक, हम रोज पढ़ते हैं, एक तरफा प्यार होता है, एसिड फेंका जाता है, और किसी लड़की को जलाया जाता है। शाहरुख खान की इन फिल्मों से ये सब शुरू हुआ लेकिन हमने शाहरुख खान को सुपरस्टार बना दिया। उसके बाद हमने खलनायक को भी हीरो बना दिया। संजय दत्त (Sanjay Dutt) जो बम ब्लास्ट मामले में जेल जा रहा था उसे भी श्रेष्ठता से खलनायक फिल्म के द्वारा प्रस्तुत किया जा रहा था। भाऊ तोरसेकर ने नाना पाटेकर का जिक्र करते हुए कहा  “जब पहले मदर इंडिया जैसी फिल्म देखते थे और उसमें कोई गलत नज़र से महिला को देख लेता था तो हमारा खून खौल जाता था लेकिन आज इंटरवल तक तीन बलात्कार हो जाते हैं फिर भी फ़र्क़ नहीं पड़ता है क्योंकि शाहरुख खान जैसे लोगों ने ऐसी फिल्में करके हमारी संवेदनाओं को खत्म कर दिया है और गुंडों का महिमामंडन किया है।

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