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नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई फिल्म ‘कार्गो’, विक्रांत मैसी और श्वेता की जोड़ी ने किया कमाल

बॉलीवुड एक्टर विक्रांत मैसी (Vikrant Massey) और श्वेता त्रिपाठी (Shweta Tripathi) की फिल्म ‘कार्गो’ (Cargo) नेटफ्लिक्स (Netflix) पर रिलीज हो गई है।

नई दिल्ली। बॉलीवुड एक्टर विक्रांत मैसी (Vikrant Massey) और श्वेता त्रिपाठी (Shweta Tripathi) की फिल्म ‘कार्गो’ (Cargo) नेटफ्लिक्स (Netflix) पर रिलीज हो गई है। पहले फिल्म शुक्रवार को रिलीज होती थी। लेकिन ओटीटी के जमाने में ये बदल गया है। ‘कार्गो’ समीक्षा के उत्साह काल की फिल्म है। ये ऐसा समय है जहां थोड़ा सा भी औसत से बेहतर कुछ दिख जाए तो लोग लट्टू हो जाते हैं। हां, नकारात्मकता ऐसी भी है कि लोगों को फिल्म ‘परीक्षा’ में आदिल हुसैन का रिक्शा खींचना भी नकली लगता है, और ‘कार्गो’ का पहले फ्रेम से नकली दिखता अभिनय भी कमाल लगता है।

cargocargo

काफी समय से फिल्म ‘कार्गो’ चर्चा में है। ‘कार्गो’ साइंस फिक्शन हैं। ये जन्म और मृत्यु की कहानी है। जीतेंद्र युग की उन फिल्मों में ये कहानी कॉस्ट्यूम ड्रामा होती थी, यहां ये साइंस फिक्शन का चोला पहने है। मनुष्य और राक्षस प्रजाति के बीच समझौते के बाद धरती पर मरने वाला ऊपर जाकर अपनी याददाश्त मिटवाता है। कोरी स्लेट लेकर फिर से जन्म लेने को प्रस्तुत हो जाता है। इस एक लाइन की पौराणिक कथा को साइंस फिक्शन बनाने के लिए आरती कदव ने कैलेंडर काफी आगे का चुना है।

कहानी काल्पनिक है और इसका निर्देशन भी इन्ही कल्पनाओं के सहारे बुना गया है। लेकिन, इतने आगे की कहानी में इतने सस्ते से दिखने वाले विज्ञान उपकरण बजट की ही नहीं सोच की भी कमी दिखाते हैं।

cargo

विक्रांत मैसी का किरदार ऐसा है कि उनके चेहरे का तनाव उनके किरदार को आगे बढ़ाने में मदद करता है। साल की शुरूआत फिल्म ‘‘छपाक‘ से करने वाले विक्रांत अगर फिल्मों में मेन लीड का मोह छोड़ अच्छी कहानियों में दमदार किरदार करने शुरू करे तो उनका विस्तार मनोज बाजपेयी जैसा हो सकता है। वहीं, 35 साल की हो चुकीं श्वेता त्रिपाठी को अपनी ऊर्जा को अब संचित करके सही समय पर सही तरीके से प्रस्फुटित करने की जरूरत है। उनके पास अभिनय का विस्तार है, निर्देशक उनको बेहतर मिलने जरूरी हैं। बाकी तमाम कलाकार कहानी में आते जाते रहते हैं।