नई दिल्ली। साउथ की फिल्मों को नया आयाम देने वाले एसएस राजामौली ने इतिहास रच दिया है। डायरेक्टर ने न्यूयॉर्क फिल्म क्रिटिक्स सर्कल में फिल्म आरआरआर के लिए बेस्ट डायरेक्टर का खिताब जीता है और देश का नाम रोशन किया है।न्यूयॉर्क फिल्म क्रिटिक्स सर्कल अवॉर्ड अमेरिका के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार में से एक है। अभी तक किसी भी भारतीय को इस पुरस्कार से नवाजा नहीं गया है। इस खास मौके पर जानते हैं कि कैसे टीवी से अपना करियर शुरू करने वाले राजामौली बड़े पर्दे के बादशाह बन गए।
टीवी सीरियल से की शुरुआत
एस.एस राजामौली ने अपने करियर की शुरुआत टीवी सीरियल से की थी। डायरेक्टर ने पहली बार बड़े पर्दे पर फिल्म स्टूडेंट नम्बर 1′ से की। राजामौली की पहली ही फिल्म बड़े पर्दे पर सुपर-डुपर हिट साबित हुई। खास बात ये है कि डायरेक्टर की पहली ही फिल्म में जूनियर एनटीआर ने बतौर हीरो काम किया था।
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खुद राजामौली जूनियर एनटीआर को अपना लकी चार्म कहते हैं और ज्यादातर फिल्मों में उन्हीं को हीरो लेना पसंद करते हैं। इसके अलावा 2003 में उन्होंने सिम्हाद्रि फिल्म बनाई। इस फिल्म में भी जूनियर एनटीआर ही हीरो थे। इसके अलावा उन्होंने साई और छत्रपति नाम की फिल्में भी बनाई। इस फिल्म में उनके साथ प्रभास दिखे थे। इन दोनों ही फिल्मों ने ही बड़े पर्दे पर धमाल मचा दिया था।
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मक्खी फिल्म के लिए बहुत मेहनत
राजामौली ने जिस फिल्म पर हाथ रखा वो हिट की गारंटी बन गई। सबसे ज्यादा तहलका राजामौली के निर्देशन में बनी विक्रमरकुड्डू ने मचाया। इस फिल्म का रीमेक हिंदी में भी बना। जिसके बाद आई ईगो (मक्खी),जिसे 2012 में बनाया गया। इस फिल्म के लिए डायरेक्टर ने फ्रिज में कई समय तक मक्खियों को रखा था और उनके हर मूवमेंट को नोटिस किया था। फिल्म में बतौर लीड किच्चा सुदीप थे। जिसके बाद मर्यादा रमन्ना,मगधीरा ,बाहुबली, बाहुबली-2 और आरआरआर आई। डायरेक्टर ने अपने 21 साल के करियर में 11 फिल्में बनाई। सारी ही फिल्में बॉक्स ऑफिस से लेकर विश्व स्तर पर सुपरहिट साबित हुईं। कई फिल्मों के हिंदी रीमेक भी बॉलीवुड में बताए गए।