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The Girl On The Train Review: परिणीति चोपड़ा की एक्टिंग ने जीता दिल, लेकिन कुछ जगह पर फिल्म हुई बोरिंग

The Girl On The Train Review: बॉलीवुड एक्ट्रेस परिणीति चोपड़ा (Parineeti Chopra) की फिल्म ‘द गर्ल ऑन द ट्रेन’ (The Girl on the Train) को लेकर काफी बज था। ये फिल्म शुक्रवार को नेटफ्लिक्स (Netflix) पर रिलीज हो गई है। फिल्म को मिली जुली प्रक्रिया मिल रही है।

नई दिल्ली। बॉलीवुड एक्ट्रेस परिणीति चोपड़ा (Parineeti Chopra) की फिल्म ‘द गर्ल ऑन द ट्रेन’ (The Girl on the Train) को लेकर काफी बज था। ये फिल्म शुक्रवार को नेटफ्लिक्स (Netflix) पर रिलीज हो गई है। फिल्म को मिली जुली प्रक्रिया मिल रही है। ये फिल्म पाउला हॉकिन्स की बेस्ट सेलिंग नावेल द गर्ल ऑन द ट्रेन पर बेस्ड है। इस पर हॉलीवुड में भी एक फिल्म बन चुकी है। ये सस्पेंस फिल्म है। एक ओर दर्शक इस फिल्म को पसंद कर रहे हैं तो वहीं, दूसरी ओर कुछ लोगों को फिल्म से निराशा मिली।

The Girl on the Train

फिल्म कहानी मीरा कपूर (परिणीति चोपड़ा) के इर्द-गिर्द घूमती है। जो एक बोल्ड और निडर वकील है। मीरा एक कार एक्सीडेंट में वो अपने अनबॉर्न बेबी को खो देती हैं। इस हादसे वो काफी डिस्टर्ब हो जाती है और उसे नशे की लत लग जाती है। नशे में वो कभी भी हिंसक हो जाती है। वो एमनेसिया की बीमारी से भी ग्रस्त हो गयी है। जिसके वजह से वो कई चीजों को भूल जाती है। इस सबसे परेशान हो उसके पति शेखर (अविनाश) होता है, जो बाद में उससे तलाक ले लेता है।

The Girl on the Train

मीरा नशे में धुत होकर रोज ट्रेन से सफर करती है जिससे वो अपने पुराने घर को देख पाए, जिसमें वो तलाक से पहले अपनी पति के साथ खुशी-खुशी जी रही थी। इसी ट्रेन की जर्नी में वो एक दूसरे घर जिसमें रह रही नुशरत (अदिति) को देखती है। ट्रेन की जर्नी का मीरा की लाइफ में अलग रोल है। एक दिन नुशरत का मर्डर हो जाता है और मीरा शक के घेरे में आ जाती है। अब मीरा खुद को कैसे इस स्थिति से निकाल पाती है। ये जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।

फिल्म की स्पीड शुरु में तो धीमी है, लेकिन एक घंटे बाद आपको इसमें इंटरेस्ट आएगा। फिल्म कहीं-कहीं थोड़ी बोरिंग लगती है और इतने में ही आपका इंटरेस्ट घट जाएगा। फिल्म का क्लाइमेक्स इसे और कमजोर बनाता है। फिल्म में न तो सस्पेन्स है और ना ही थ्रिलर।

The Girl on the Train

एक्टिंग की बात करें तो फिल्म में परिणीति इस बार अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकली है। इस रोल में उनकी मेहनत देखने को मिली। आखों में गहरा काजल लगाए वो इस रोल से जस्टिस कर पाईं। तो वहीं, कृति कुल्हारी ने फिल्म में सधा हुआ रोल प्ले किया। उधर, अदिति राव हैदरी के लिए फिल्म में कुछ करने को खास नहीं था। इसके अलावा, अविनाश तिवारी ने एक बार फिर अपने परफॉर्मेंस से दिल जीते। न्यूजरुम पोस्ट की ओर से मैं इस फिल्म को 5 में से 3 रेटिंग्स दे रही हूं।