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बिना जुर्माना भरे 198 इंडोनेशियाई तबलीगी जमातियों को नहीं मिलेगी रिहाई

दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को 198 इंडोनेशियाई नागरिकों को मार्च में तबलीगी जमात के एक कार्यक्रम में शामिल होने के दौरान विभिन्न उल्लंघनों से संबंधित आरोप स्वीकार करने के बाद, ‘प्ली बारगेनिंग’ प्रक्रिया के तहत जुर्माना भरने के निर्देश के साथ इन्हें रिहा करने की अनुमति दे दी।

नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को 198 इंडोनेशियाई नागरिकों को मार्च में तबलीगी जमात के एक कार्यक्रम में शामिल होने के दौरान विभिन्न उल्लंघनों से संबंधित आरोप स्वीकार करने के बाद, ‘प्ली बारगेनिंग’ प्रक्रिया के तहत जुर्माना भरने के निर्देश के साथ इन्हें रिहा करने की अनुमति दे दी।

Indian Court

अभियुक्त और अभियोजन पक्ष के बीच प्ली बारगेन एक प्री-ट्रायल करार होता है, जहां अभियुक्त पक्ष अभियोजन पक्ष द्वारा कुछ रियायतों के बदले में दोषी होना स्वीकार कर लेता है। साकेत कोर्ट की मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट वसुंधरा आजाद ने 100 विदेशी नागरिकों को 7,000 रुपये का जुर्माना देने का निर्देश दिया।

जबकि एक अन्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट स्वाति शर्मा ने बाकी को 5,000 रुपये का जुर्माना देने के लिए कहा। हालांकि, एक इंडोनेशियाई ने मामले में मुकदमा चलाने की मांग की। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने मामले के संबंध में 900 से अधिक विदेशी नागरिकों को नामजद किया है। तब्लीगी जमात प्रमुख मौलाना साद कांधलवी और अन्य के खिलाफ 31 मार्च को प्राथमिकी दर्ज की गई थी।


आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता, महामारी रोग अधिनियम, आपदा प्रबंधन अधिनियम और आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधात्मक आदेशों के उल्लंघन के भी आरोप लगाए गए हैं।