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राजस्थान में गहलोत सरकार गिराने की साजिश, पुलिस ने 2 लोगों को किया गिरफ्तार

सूत्रों के मुताबिक, इस एफआईआर में बांसवाड़ा जिले में कुशलगढ़ से महिला विधायक रमीला खड़िया और पूर्व मंत्री और वर्तमान में बांसवाड़ा जिले से कांग्रेसी विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय का नाम सामने आया है।

नई दिल्ली। राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार गिराने की साजिश का खुलासा हुआ है। दरअसल राज्यसभा चुनाव के दौरान हॉर्स ट्रेडिंग मामले में जांच कर रही राजस्थान पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है। एसओजी ने कई संदिग्धों के फोन सर्विलांस पर रखा था और प्रदेश की कांग्रेस सरकार के तख्तापलट की साजिश से उसने पर्दा उठाया है। गिरफ्तारी के बाद एसओजी दोनों से पूछताछ कर रही है।

Rajasthan CM Ashok Gehlot

सूत्रों के मुताबिक, इस एफआईआर में बांसवाड़ा जिले में कुशलगढ़ से महिला विधायक रमीला खड़िया और पूर्व मंत्री और वर्तमान में बांसवाड़ा जिले से कांग्रेसी विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय का नाम सामने आया है। इन्हें विपक्षी दल की ओर से मोटी रकम का लालच देकर खरीद फरोख्त की कोशिश की गई थी। इस बीच मामला प्रदेश के सीएम अशोक गहलोत तक पहुंच गया। इसके बाद मुख्य सचेतक महेश जोशी द्वारा राज्य सभा चुनाव से पहले एक लिखित रिपोर्ट एसओजी, जयपुर में दी गई थी।

Sachin Pilot and Ashok Gehlot

सूत्रों के मुताबिक, इस बातचीत में यह भी कहा जा रहा है कि मौजूदा सरकार को गिराकर ये लोग नई सरकार बनवाकर 1000-2000 करोड़ रुपए कमा सकते हैं। इसी बातचीत में यह भी कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच झगड़ा चल रहा है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों को तोड़कर सरकार गिराई जाए। रिपोर्ट के मुताबिक, फोन पर हुई चर्चा में यह भी सामने आया कि वर्तमान सरकार को गिराकर नया मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। लेकिन भाजपा का कहा कि मुख्यमंत्री हमारा होगा और उपमुख्यमंत्री को केंद्र में मंत्री बना दिया जाएगा।

वहीं राजस्थान में विधायकों की खरीद फरोख्त पर सीएम अशोक गहलोत ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि भाजपा ने सारी हदें तोड़ दी हैं. भाजपा खरीद फरोख्त करके सरकार गिराने की कोशिश में लगे रहते हैं. उन्होंने कहा कि जब वाजपेयी जी प्रधानमंत्री थे तब ऐसा नहीं था लेकिन 2014 के बाद से भाजपा में अहंकार आ गया है. ये धर्म और जाति के नाम पर लोगों को बांटने की कोशिश करते हैं। आगे अशोक गहलोत ने कहा कि हम पक्ष-विपक्ष व भाजपा नेताओं को साथ लेकर चले, लेकिन भाजपा का सारा ध्यान सरकार गिराने पर रहता है. उन्होंने अपने आरोपों में कहा कि विधायकों को अपनी निष्ठा बदलने के लिए 10 से 15 करोड़ रुपये तक की पेशकश की जा रही है