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फांसी से पहले ज़मीन पर लोटकर रोया निर्भया का गुनहगार, बोला माफ कर दो, मरना नहीं चाहता

निर्भया के चारों गुनहगारों की आखिरी रात बेहद बेचैनी से भरी हुई थी। गुनहगार खाते वक़्त भी बेचैन थे। मुकेश और विनय ने खिचड़ी खाई। जबकि दूसरे गुनहगार पवन और अक्षय रात बेचैनी में रात भर सो नहीं सके। सारे गुनहगार रात भर जागकर पुलिसकर्मियों से पूछते रहे कि क्या कोर्ट से कोई नया ऑर्डर आया है?

नई दिल्ली। निर्भया का गुनाहगार फांसी से पहले बुरी तरह सदमे में था। निर्भया का गुनाहगार विनय लगातार गिड़गिड़ा रहा था, रो रहा था। कह रहा था कि मुझे माफ कर दो। मुझे नहीं मरना है। आज सुबह 5:30 बजे निर्भया के चारों गुनहगारों को तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई। निर्भया के चारों गुनहगारों की आखिरी रात बेहद बेचैनी से भरी हुई थी। गुनहगार खाते वक़्त भी बेचैन थे। मुकेश और विनय ने खिचड़ी खाई। जबकि दूसरे गुनहगार पवन और अक्षय रात बेचैनी में रात भर सो नहीं सके। सारे गुनहगार रात भर जागकर पुलिसकर्मियों से पूछते रहे कि क्या कोर्ट से कोई नया ऑर्डर आया है?

Nirbhaya Accused

सुबह के वक़्त चारों ने चाय पीने से मना कर दिया। इस दौरान विनय बुरी तरह रो रहा था। वह कह रहा था कि मैं मरना नही चाहता। मुझे माफ कर दो। विनय इस कदर परेशान हो गया कि ज़मीन पर लेटने लगा। फंदे पर लटकाने से पहले जब दोषियों को नहाने और कपड़े बदलने के लिए कहा गया, तो दोषी विनय ने कपड़े बदलने से भी इनकार कर दिया। आज सुबह आखिरी इच्छा पूछी गयी, कुछ चाहिए – पूजा करनी या कुछ और। लेकिन चारों ने कोई जवाब नहीं दिया।

Vinay Sharma

फांसी से पहले मुकेश ने जेब से एक कागज दिया जिसमें उसने अपनी बॉडी के पार्ट दान करने की बात कही जबकि विनय ने कहा उसका कुछ सामान है जो घर भिजवा दे। उसने यह भी कहा कि एक पेंटिंग है वो चाहे तो किसी को दान कर दें।

चारों दोषियों का मेडिकल चेकअप किया गया, जिसमें इस बात की पुष्टि हुई की वे सजा के लिए पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं। इस बीच, फांसी को रोकने या टालने से संबंधित किसी प्रकार का कोई पत्र या नोटिस तो नहीं आया है, जेल अधीक्षक ने अंतिम बार इसकी जांच की। हालांकि, जेल अधिकारियों को ऐसा कोई दस्तावेज नहीं मिला।

Nirbhaya Case
सुबह 5.20 बजे उनके चेहरे को एक सूती कपड़े से ढंक दिया गया और उनके हाथों को पीठ के पीछे बांध दिया गया। चारों दोषियों को ‘फांसी कोठी’ में ले जाया गया। इस दौरान किसी भी अन्य कैदी को अपने सेल से बाहर आने की अनुमति नहीं थी। जिला मजिस्ट्रेट, चिकित्सा परीक्षक, जेल अधीक्षक और 10 अन्य जेल अधिकारी एक्सेक्यूशन चैंबर में उपस्थित थे। तिहाड़ के सूत्रों ने कहा कि जिला अधिकारी (डीएम) ने चारों दोषियों से उनकी अंतिम इच्छा पूछी, लेकिन किसी ने कोई आखिरी ख्वाहिश नहीं जताई।

Tihar jail

इसके बाद डीएम ने भी ब्लैक वारंट में हस्ताक्षर किए। जिसके बाद उन्हें फांसी दे दी गई। आधे घंटे तक वे फांसी के फंदे पर लटकते रहे। इसके बाद उन्हें सुबह 6 बजे वापस नीचे उतारा गया और वहां मौजूद डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।