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Sambhal Violence Case: संभल हिंसा के मामले में 50 और उपद्रवियों की पहचान, आज से घटना की न्यायिक जांच भी

संभल। यूपी के संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान जमकर हिंसा और आगजनी करने वाले एक-एक उपद्रवी की पहचान पुलिस कर रही है। संभल पुलिस ने हिंसा में शामिल रहे 50 और उपद्रवियों की पहचान की है। अब तक 300 उपद्रवियों की पहचान हो चुकी है और इनमें से 250 के पोस्टर भी पुलिस ने जारी किए हैं। वहीं, संभल शहर में कड़ी सुरक्षा है। संभल में हिंसा के बाद यहां 10 कंपनी पीएसी बल और आरएएफ तैनात किए गए हैं। कई और थानों से पुलिसकर्मियों को संभल में तैनात किया गया है। आज से संभल हिंसा की न्यायिक जांच भी शुरू हो रही है। संभल हिंसा की न्यायिक जांच इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज देवेंद्र कुमार अरोड़ा, यूपी के पूर्व डीजीपी अरविंद कुमार जैन और रिटायर्ड आईएएस अमित मोहन प्रसाद की कमेटी कर रही है। इस कमेटी को 2 महीने में रिपोर्ट देना है।

संभल के एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई के मुताबिक संभल में जिन्होंने भी 24 नवंबर को हिंसा की, उनको हर हाल में गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस को एक और वीडियो सबूत भी मिला है। जिसमें कुछ लोग पुलिस पर हमला करने के लिए भीड़ को उकसाते दिख रहे हैं। संभल में 24 नवंबर को जब जामा मस्जिद का कोर्ट कमिश्नर सर्वे हो रहा था, उस वक्त सुबह 9 बजे के करीब हिंसा शुरू हुई थी। दंगाइयों ने कई गाड़ियों में आगजनी और जमकर पथराव किया था। दंगाइयों की तरफ से फायरिंग भी की गई थी। संभल पुलिस का दावा है कि दंगाइयों की गोली से 5 लोगों की जान गई। मरने वाले सभी मुस्लिम समुदाय के हैं। संभल पुलिस का कहना है कि उपद्रवियों की हमले में 19 पुलिसकर्मी घायल हुए। उपद्रवियों ने एक दारोगा से पिस्टल की भरी मैगजीन भी लूट ली थी। उस मैगजीन में 10 कारतूस थे। संभल पुलिस ने इसके बाद सख्त कार्रवाई करते हुए 27 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार होने वालों में 3 महिलाएं भी हैं। अब और उपद्रवियों की पहचान होने के बाद उनको भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।

संभल में कोर्ट ने जामा मस्जिद के कोर्ट कमिश्नर सर्वे का आदेश दिया था। पहले 19 नवंबर की शाम को ही सर्वे हुआ था। फिर 24 नवंबर को सुबह सर्वे टीम संभल जामा मस्जिद गई थी। संभल की जामा मस्जिद के बारे में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन का दावा है कि वहां पहले श्रीहरिहर मंदिर था। बाबर ने इस मंदिर को गिराकर मस्जिद तामीर कराई। विष्णु शंकर जैन ने कोर्ट में बाबरनामा और आईन-ए-अकबरी और कई अंग्रेजों के इस बारे में लिखी बातों को बतौर सबूत पेश किया है। वहीं, मुस्लिम पक्ष इससे इनकार कर रहा है। मुस्लिम पक्ष और उनके नेता ये सवाल भी उठा रहे हैं कि याचिका दाखिल होते ही संभल की जामा मस्जिद के सर्वे का आदेश कोर्ट ने तत्काल कैसे दे दिया। इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि संभल जामा मस्जिद का मसला इलाहाबाद हाईकोर्ट सुनेगा। हाईकोर्ट के फैसले तक संभल के जज आगे कोई आदेश जारी नहीं कर सकेंगे।

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