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6 महीने बाद आज खुली निजामुद्दीन दरगाह, इन दिशा-निर्देशों का करना होगा पालन

दिल्ली स्थित मुस्लिम संत हजरत निजामुद्दीन की दरगाह (Hazrat nizamuddin dargah) रविवार को फिर से खुल गई है। महामारी के चलते ये तकरीबन छह महीने से बंद पड़ी थी।

नई दिल्ली। देश में कोरोना संकट और लॉकडाउन के चलते देशभर में धार्मिक स्थलों को बंद किया गया था। अब अनलॉक की प्रक्रिया में धीरे-धीरे सभी धार्मिक स्थलों को खोला जा रहा है। इसी क्रम में दिल्ली स्थित मुस्लिम संत हजरत निजामुद्दीन की दरगाह (Hazrat nizamuddin dargah) रविवार को फिर से खुल गई है। महामारी के चलते ये तकरीबन छह महीने से बंद पड़ी थी।

Hazrat Nizamuddin Dargah New Delhi2

निजामुद्दीन दरगाह खुली

हालांकि दरगाह में आने वाले श्रद्धालुओं को कुछ खास नियमों का पालन करना होगा। इस दरगाह में आने वालों को सोशल डिस्टेंसिंग (Social distancing और मास्क (Mask) पहनने जैसे नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। दरगाह सुबह 5 बजे से लेकर रात 10 बजे तक खुली रहेगी।

Hazrat Nizamuddin Dargah New Delhi

65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को एंट्री नहीं

दरगाह में दाखिल होने वाले लोगों को एक दूसरे से कम से कम छह फीट की दूरी बनाकर रहना होगा। प्रवेश करने के बाद एक व्यक्ति को 15 मिनट से ज्यादा अंदर नहीं रुकने दिया जाएगा। दरगाह के अंदर हाथों को अच्छे से सैनिटाइज करने के लिए भी विशेष स्थान बनाए गए हैं। 10 साल से कम और 65 साल से ज्यादा आयु के लोगों को भी दरगाह में प्रवेश नहीं मिलेगा।

बिना मास्क के एंट्री बैन

बिना मास्क के दरगाह में किसी को एंट्री नहीं दी जाएगी। इसके अलावा दरगाह में किसी तरह का बैग या सामान भी नहीं ले जा सकेंगे। दरगाह प्रबंधन के मुताबिक, धार्मिक स्थल पर किसी भी व्यक्ति को अंदर बैठने या प्रतीक्षा करने की अनुमति नहीं मिलेगी। श्रद्धालु दरगाह में फूल, खुशबूदार इत्र और धूप अर्पित करते वक्त मकबरे के किसी भी जगह को नहीं छू सकेंगे।

Hazrat Nizamuddin Dargah New Delhi1

दरगाह के विशेष कार्यक्रमों पर रोक

कोरोना संकट से पहले मकबरे में हर गुरुवार को कव्वाली का आयोजन किया जाता था। मौजूदा हालातों को देखते हुए इस तरह के विशेष कार्यक्रमों पर निश्चित तौर पर रोक लगी रहेगी। यदि किसी व्यक्ति में विभिन्न प्रकार की बीमारी के लक्षण जैसे की खांस, जुकाम या बुखार दिखाई देता है तो उसे दरगाह में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।

बता दें कि मार्च में तबलीगी जमात मुख्यालय के कोविड-19 (Covid-19) अस्पताल के रूप में सामने आने के बाद दरगाह के आस-पास का इलाका पहले कंटेनमेंट जोन में था।