
नई दिल्ली। महाकुंभ मेले के दौरान बुधवार देर रात संगम नोज पर भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें 30 श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि 90 से अधिक लोग घायल हो गए। प्रशासन की त्वरित कार्रवाई के बावजूद यह हादसा टल नहीं सका। मुख्यमंत्री ने घटना की न्यायिक जांच के आदेश देते हुए तीन सदस्यीय आयोग का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता पूर्व न्यायाधीश हर्ष कुमार करेंगे। आयोग में पूर्व डीजी वी.के. गुप्ता और रिटायर्ड आईएएस डी.के. सिंह को भी शामिल किया गया है।
मुख्यमंत्री ने जताई गहरी संवेदना, मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख का मुआवजा
मुख्यमंत्री ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और कहा, “प्रशासन ने कई दौर की समीक्षा बैठकें की थीं, फिर भी यह हादसा कैसे हुआ? इसकी गहन जांच होगी।” उन्होंने मृतकों के परिजनों को ₹25-25 लाख की सहायता राशि देने की घोषणा की। साथ ही, उन्होंने मुख्य सचिव और डीजीपी को गुरुवार को घटनास्थल का दौरा कर विस्तृत जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं।
कैसे हुआ हादसा? प्रशासन ने बताई पूरी घटना
मेलाधिकारी विजय किरण आनंद और डीआईजी वैभव कृष्ण ने हादसे को लेकर जानकारी दी।
- बुधवार रात 1 से 2 बजे के बीच अखाड़ा मार्ग पर अत्यधिक भीड़ जमा हो गई।
- भीड़ के दबाव के कारण बैरिकेड्स टूट गए, जिससे लोग अनियंत्रित होकर दूसरी ओर चले गए।
- ब्रह्म मुहूर्त में संगम स्नान के लिए इंतजार कर रहे श्रद्धालुओं के ऊपर लोग चढ़ गए, जिससे भगदड़ मच गई।
- प्रशासन ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किया और घायलों को अस्पताल भेजा।
- 30 श्रद्धालुओं की मृत्यु हो चुकी है, जबकि 36 घायलों का इलाज मेडिकल कॉलेज में जारी है।
इन राज्यों के श्रद्धालुओं की मौत
अब तक 25 मृतकों की पहचान हो चुकी है, जिनमें –
- कर्नाटक से 4
- असम से 1
- गुजरात से 1 श्रद्धालु शामिल हैं।
कर्नाटक के बेलगावी उत्तर से कांग्रेस विधायक आसिफ सैत ने पुष्टि की कि बेलगावी शहर के चार लोगों की जान गई है। मृतकों में भाजपा कार्यकर्ता ज्योति हट्टारवाड़ (50) और उनकी बेटी मेघा हट्टारवाड़ (16) भी शामिल हैं।
#महाकुंभ2025
कुंभ भगदड़ की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग की घोषणा की गई।* सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति हर्ष कुमार इस आयोग की अध्यक्षता करेंगे और पूर्व डीजीपी वीके गुप्ता तथा सेवानिवृत्त आईएएस डीके सिंह इस न्यायिक आयोग के सदस्य होंगे।
* इस भगदड़ की पुलिस जांच अलग से की… pic.twitter.com/3yxnCsOhrX
— Gyanendra Shukla (@gyanu999) January 29, 2025
प्रशासन की सख्ती, कोई वीआईपी मूवमेंट नहीं था
डीआईजी वैभव कृष्ण ने स्पष्ट किया कि 29 जनवरी को प्रशासन ने सख्त निर्देश जारी किए थे कि कोई वीआईपी मूवमेंट नहीं रहेगा। उन्होंने मीडिया से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि प्रशासन का प्राथमिक उद्देश्य श्रद्धालुओं को सुरक्षित उनके घर पहुंचाना है।
श्रद्धालुओं के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी
प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया है। इससे लापता लोगों की जानकारी ली जा सकती है। मुख्यमंत्री ने महामंडलेश्वरों, संतों और अखाड़ों से वार्ता कर अमृत स्नान में देरी करने का अनुरोध किया, जिसे संतों ने स्वीकार किया और स्नान सकुशल संपन्न हुआ।
मुख्यमंत्री के निर्देश, मेला क्षेत्र में और मजबूत की जाएगी व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने इस घटना को बेहद दुखद बताते हुए प्रशासन को भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सभी सुरक्षा और प्रबंधन उपायों की दोबारा समीक्षा की जाएगी ताकि आगे ऐसी त्रासदी न हो।