नई दिल्ली। शुक्रवार(25 दिसंबर) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद के सेंट्रल हॉल में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे थे। बता दें कि शुक्रवार को वाजपेयी की 96वीं जयंती थी। इस मौके पर पीएम मोदी की मौजूदगी में ही आम आदमी पार्टी के सांसदों ने कृषि कानूनों के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। बता दें कि इस वीडियो पर लोगों का कहना है कि आप सांसदों को कम से कम अटल जी का तो मान रखना चाहिए था। उनकी जयंती पर तो राजनीति छोड़कर सम्मान का भाव दिखाना चाहिए था। फिलहाल आपको बता दें कि जिन आप सांसदों ने पीएम मोदी के सामने नारेबाजी की, उनमें भगवंत मान, और राज्यसभा सांसद संजय सिंह शामिल थे। इसका वीडियो ट्विटर पर अपलोड करते हुए संजय सिंह ने लिखा कि किसान विरोधी काला कानून वापस लो।
बहरे कानो को सुनाने के लिये तानाशाह सरकार को जगाने के लिये संसद में प्रधानमंत्री के सामने किसानो के हक़ में हंगामा “किसान विरोधी काला क़ानून वापस लो” अन्नदाताओं को आतंकवादी कहना बंद करो। pic.twitter.com/X8MF2pxnad
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) December 25, 2020
बता दें कि इस वीडियो में संजय सिंह और उनके साथ भगवंत मान कृषि कानूनों के खिलाफ सेंट्रल हॉल के अंदर नारेबाजी कर रहे हैं। उनके हाथ में पोस्टर भी है जिसमें लिखा है कि, किसान विरोधी काला क़ानून वापस लो, अन्नदाताओं को आतंकवादी कहना बंद करो।
बता दें कि वीडियो में कई नेता प्रधानमंत्री मोदी के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। पीएम मोदी हंगामें के दौरान ही कुछ नेताओं से बातचीत कर रहे हैं। हालांकि बाद में प्रधानमंत्री सेंट्रल हॉल से बाहर निकल जाते हैं।
गौरतलब है कि इस वीडियो में लोगों ने संजय सिंह और आम आदमी पार्टी को ही ट्रोल करना शुरू कर दिया। एक यूजर ने लिखा कि, “10 नहीं हज़ार बार आपको सोचना चाहिए था ये करने से पहले… कम से कम मौका तो देख लेते । सेंट्रल हॉल में सब इकट्ठे क्यूँ हुए हैं।”
देखिए किस तरह से लोगों ने इस वीडियो पर रिप्लाई किए हैं..
??? girgit kejriwal. Khud pass karke , khud jhooth bolta hai?? pic.twitter.com/MxjaUULnFb
— SambhavJain (@Sambhavxo) December 25, 2020
कुत्ते भौक रहे है , लोगो को फर्क नहीं पड़ रहा है वो एक दूसरे से मिलने मे लगे हुए है।??
— Rakesh Upadhyay (@RakeshU49020698) December 25, 2020
Itna hi samarthan karte hai to kisano ke saath ja akar baithte kyu nahi dharne pe, “aap”ko to maharat hasil hai dharna pradarshno ki.
— तनुज (@tanuj__) December 25, 2020
संजय सिंह जी
आप भी इंसान हो न ??
जैसे- इंदिरा को ठोंका वैसे मोदी जी के साथ भी करेंगे ??
क्या यह किसानो की भाषा है ?? अगर है ,???
तो इसे ही “आतंकवाद” कहते है !!!समझो तो ठीक है ,,!!
वरन आगे चुनाव भारी पड़ेगा ,ओ भैसिया
— जय जय श्रीराम #सनातनी #प्रशासक_समिति (@DEVIPRASAD70) December 25, 2020
ए गंजेडी साइकल स्टैंड ठेकेदार जो बग़ैर चुनाव संसद में पहुँचा और दूसरा उड़ता हुआ बोतल वाला,सोने या पिनक मैं रहने वाला , भला क्या ख़ाक समझदारी करेंगे. सिवा संसद की गरिमा हनन के ,इनका एक ही मुद्दा मोदी विरोध, देश की जनता दरबार के नक्कार खाने मैं भला कौवों की तूती क्या असर करेगी
— MushafirSS (@MushafirSS) December 25, 2020
?यदि आप पूरी तरह से किसानों के साथ हैं तो AAP द्वारा कृषि कानून को notify क्यों किया गया?❓ इसे कुछ दिनों बाद संसद में क्यों फाड़ दिया गया⁉️ ?
?If you‘re fully with farmers then why did Agricultural Law be notified by AAP❓Why was it torn in parliament a few days later⁉️?
— Dipak H. Mistry (@realDipakMistry) December 25, 2020
कोई किसान ठंड मे ठिठुर नही रहा है।जाकर देखो वंहा मौज ही मौज है।किसान को बद्नाम करने वाले वंहा मौज काट रहे हैं।दारू, मांस, काजू, बादाम, पनीर सब चल रहा है लंगर की तरह।मुफ्त मे बँट रहा है सब।ये सब किसानो को गुमराह करने वाले लोग हैं ना की किसान।असली किसान अपनी फसल के साथ सो रहा है
— Punit Tripathi (@PunitTr43780033) December 25, 2020