गिरफ्तारी पर रोक लगाने वाली याचिका को लेकर संजय सिंह को लगा झटका, सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत!
Sanjay Singh: इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट(Allahabad High Court) ने हजरतगंज थाने में दर्ज हुई FIR को रद्द करने का आदेश देने से मना कर दिया था। इसके बाद संजय सिंह(AAP MP Sanjay Singh) ने 12 अगस्त 2020 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यूपी सरकार पर जाति से प्रेरित होकर काम करने का आरोप लगाया था।
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के दिग्गज नेता और दिल्ली से राज्यसभा सांसद संजय सिंह को मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से निराशा हाथ लगी है। बता दें कि उत्तर प्रदेश में कई जिलों में संजय सिंह के खिलाफ मामले दर्ज हैं, ऐसे में उन्होंने गिरफ्तारी पर रोक लगाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। उत्तर प्रदेश में दर्ज आपराधिक मामलों को खारिज करने को लेकर दायर की गई आप नेता संजय सिंह की याचिका पर सुनवाई अगले हफ्ते तक टल गई है। फिलहाल संजय सिंह की गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने कोई आदेश नहीं दिया है। यानी राज्यसभा सांसद संजय सिंह को फिलहाल राहत नहीं मिली है। गौरतलब है कि सांसद संजय सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में दो याचिका दाखिल की है। जिसमें एक याचिका में उन्होंने यूपी के कई जिलों में दर्ज मुकदमों को एकसाथ किए जाने और यूपी से बाहर ट्रांसफर किए जाने की मांग की है। वहीं दूसरी याचिका लखनऊ के हजरतगंज थाने में दर्ज मुकदमे रद्द करने की है।
वहीं इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हजरतगंज थाने में दर्ज हुई FIR को रद्द करने का आदेश देने से मना कर दिया था। इसके बाद संजय सिंह ने 12 अगस्त 2020 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यूपी सरकार पर जाति से प्रेरित होकर काम करने का आरोप लगाया था। इसके बाद संजय सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एसएलपी के मुताबिक आप नेता संजय सिंह ने लखनऊ, संत कबीर नगर, खीरी, बागपत, मुजफ़्फरगर, अलीगढ़, बस्ती सहित कई नगरों कस्बों में उस बयान के आधार पर उनके खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज कराए जाने की जानकारी मिली है। लेकिन उनके बयान को मनमाने ढंग से तोड़-मरोड़ कर रखा गया है। सांसद संजय सिंह की मांग है कि इस तरह की कार्रवाई राजनीतिक दुर्भावना और बदले कि मंशा के चलते किया जा रहा है। ताकि वो और उनके राजनीतिक सहयोगी परेशान हों. लिहाज़ा कोर्ट गलत मंशा से दर्ज कराई गई FIR रद्द करने का आदेश कोर्ट जारी करे ताकि उनको न्याय मिल सके।