Agriculture Bill: किसान बिल पर अंग्रेजी में विज्ञापन, आप नेता को हो गई परेशानी, सोशल मीडिया पर जनता ने सुनाई खरी-खरी
Agriculture Bill: राघव चड्ढा (Raghav Chadha) ने कहा, “2015-16 का एग्रीकल्चरल सर्वे (Agricultural survey) कहता है कि देश में 80 प्रतिशत किसानों के पास 2 एकड़ से भी कम जमीन है। वह गरीब किसान आज अपने गांव से साथ वाले गांव में अपनी फसल बेचने के लिए नहीं लेकर जा पाता है। किसान को ठगने की कोशिश की और अब अंग्रेजी (English) में विज्ञापन (Advertisement) देकर सरकार का चेहरा चमकाना चाहते हैं।”
नई दिल्ली। किसान बिल पर संसद का संग्राम नहीं थमा कि आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगा दिया कि देश की जनता की गाढ़ी कमाई से अखबारों में अंग्रेजी में विज्ञापन देकर अपना चेहरा चमकाने की कोशिश मोदी सरकार की तरफ से की जा रही है। आम आदमी पार्टी के नेता और विधायक राघव चड्ढा ने कहा कि भाजपा बताए कि देश के 62 करोड़ किसान और कृषि क्षेत्र के मजदूरों में वे कौन से लोग हैं, जो अंग्रेजी विज्ञापन को पढ़कर ‘मिनिमम सपोर्ट प्राइस’, ‘पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम’ और ‘पब्लिक सिक्योरमेंट’ को समझेंगे। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता राघव चड्ढा ने मंगलवार को कहा, “अंग्रेजी में विज्ञापन देना, क्या गरीब, दबे, कुचले और छले गए किसानों का मजाक उड़ाना नहीं है, क्या उसके जख्मों पर नमक छिड़कना नहीं है?” राघव चड्ढा ने कहा, “2015-16 का एग्रीकल्चरल सर्वे कहता है कि देश में 80 प्रतिशत किसानों के पास 2 एकड़ से भी कम जमीन है। वह गरीब किसान आज अपने गांव से साथ वाले गांव में अपनी फसल बेचने के लिए नहीं लेकर जा पाता है। किसान को ठगने की कोशिश की और अब अंग्रेजी में विज्ञापन देकर सरकार का चेहरा चमकाना चाहते हैं।” इसी को लेकर भाजपा नेता नीलकांत बख्शी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए आप नेता राघव चड्ढा को जमकर खरी खोटी सुनाई और उनसे कई जरूरी सवाल पूछ लिए जिसका जवाब शायद ही आम आदमी पार्टी के किसी नेता के पास हो।
हालांकि राघव चड्ढा यह बयान देते हुए भूल गए कि उनकी पार्टी झुग्गी झोपड़ी वाले लोगों को बचाने के लिए अंग्रेजी अखबार में विज्ञापन पर करोड़ों रुपए खर्च कर देती है। लेकिन क्या उनकी पार्टी बता सकती है कि इस विज्ञापन का क्या फायदा कितने झुग्गी झोपड़ी में रहनेवाले लोग इस विज्ञापन को पढ़कर समझ पा रहे हैं। मोहल्ला क्लिनिक को लेकर दक्षिण भारत के अखबारों में वहां की स्थानीय भाषा में या अंग्रेजी में विज्ञापन आम आदमा पार्टी क्या इसपर जवाब दे सकती है कि क्या इससे दिल्ली की जनता को क्या फायदा है जब विज्ञापन दूसरे राज्यों के अखबारों में छपवाया जा रहा है।
राघव के इस बयान के बाद भाजपा नेता नीलकांत बख्शी ने उनकी इस सोच की पोल खोलकर रख दी। नीलकांत बख्शी ने वाजिब सवाल उठाते हुए आप नेता से पूछ लिया की ये किस तरह की सोच है क्या देश के किसान इतने पढ़े लिखे नहीं हैं कि उनको इस तरह की बात समझ में आ सके। क्या देश में किसानों की हालत यह है कि वह अंग्रेजी में छपे विज्ञापन को सही से समझ पाने में असमर्थ हैं। जबकि देश के किसान तकनीक के मामले में इतने समृद्ध हो गए हैं।
भाजपा सरकार ने किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया है। भाजपा सरकार अंग्रेज़ी अखबारों में न्यूनतम समर्थन मूल्य समझाने की कोशिश कर रही है।
देश का कौन सा किसान हैं जो सुबह अपनी कॉफी के साथ इस अंग्रेजी इश्तिहार से MSP समझेंगे?- माननीय विधायक श्री @raghav_chadha pic.twitter.com/YfwSAsdWrv
— AAP (@AamAadmiParty) September 22, 2020
वहीं राघव चड्ढा के इस बयान के बाद भाजपा नेता नीलकांत बख्शी ने सवाल पूछा कि क्या अंग्रेजी पढ़ने वाला किसान नहीं हो सकता है क्या? किसानों की अगली पीढ़ी लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पढ़ाई कर सकती है। इसमें किसी को कोई संशय नहीं होना चाहिए। वहीं राघव चड्ढा से आगे नीलकांत बख्शी ने कहा कि अंग्रेज़ी का विज्ञापन आप जैसे लोगों के लिए भी दिया होगा जो बिना पढ़े झूठ और भ्रम फैला रहे हैं… आप तो अंग्रेज़ी वाला ही पढ़ते होंगे…
वैसे अंग्रेज़ी पड़ने वाला farmer नही हो सकता क्या ? Next generation of farmers are also reading at London school of economics.
Mr Chaddha अंग्रेज़ी का विज्ञापन आप जैसे लोगों के लिए भी दिया होगा जो बिना पड़े झूठ और भ्रम फैला रहे हैं… आप तो अंग्रेज़ी वाला ही पड़ते होगे pic.twitter.com/txTj10HxvA
— Neelkant Bakshi (@neelkantbakshi) September 23, 2020
नीलकांत बख्शी के इस सवाल के बाद बाद जमकर लोगों ने राघव चड्ढा की इस मानसिकता के लिए उनको सोशल मीडिया पर खरी खोटी सुनानी शुरू कर दी। लोग उनसे सवाल कर रहे हैं कि क्या जो किसान हैं वह अनपढ़ हैं, जो इस तरह का सवाल आम आदमी पार्टी के द्वारा उठाया गया।