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Uttarakhand: शहीद लांसनायक चंद्रशेखर की अंतिम यात्रा में शामिल हुए CM धामी, दी भावभीनी श्रद्धांजलि; जवान की पत्नी को भी दी हिम्मत

मूल रूप से उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के रानीखेत तहसील अंतर्गत बिन्ता हाथीखुर गांव निवासी लांसनायक चंद्रशेखर हर्बोला 1971 में कुमाऊं रेजिमेंट में भर्ती हुए थे। मई 1984 को बटालियन लीडर लेफ्टिनेंट पीएस पुंडीर के नेतृत्व में 19 जवानों का दल ऑपरेशन मेघदूत के लिए निकला था।

नई दिल्ली। आज से 38 साल पहले शांति देवी को सेना की ओर से फोन किया गया था कि सियाचिन ग्लेशियर में ड्यूटी पर तैनात रहने के दौरान उनके पति वीरगति को प्राप्त हो गए। जैसे ही उन्हें यह खबर लगी तो मानो उनकी बसी बसाई बसाई दुनिया ही उजड़ गई। इतना ही नहीं, शांति देवी का दुर्भाग्य यह हुआ कि उन्हें आखिरी बार अपने शहीद पति का चेहरा भी देखने को नहीं मिला, लेकिन आज इस वाकये के 38 साल गुजरने के बाद बीते दिनों सेना की ओर से फोन आया कि शांति देवी के पति शहीद लांसनायक चंद्रशेखर हर्बोला का शव मिल गया है। शांति को जैसे ही यह खबर मिली कि उनके पति का शव प्राप्त हुआ है, तो उनके पुराने जख्म हरे हो गए। हालांकि, बीते गुरुवार को ही शहीद के पार्थिव देह को उनके घर ले जाना था, लेकिन खराब मौसम की वजह से ऐसा हो नहीं पाया। लेकिन, आज शहीद के पार्थिव देह को ले जाया गया है, जहां मुख्यमंत्री सीएम पुष्कर सिंह धामी भी हल्द्वानी शहीद के आवास पहुंचे। उन्होंने शहीद लांस नायक चन्द्रशेखर हर्बोला के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि भी दी। इस मौके पर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या भी सीएम के साथ रही मौजूद। वहीं, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने भी शहीद के घर पहुँचकर दी श्रद्धांजलि। सैन्य सम्मान के साथ शहीद के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि दी गई। गमगीन माहौल में परिजनों ने शहीद के अन्तिम दर्शन भी किए।

बता दें कि मूल रूप से उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के रानीखेत तहसील अंतर्गत बिन्ता हाथीखुर गांव निवासी लांसनायक चंद्रशेखर हर्बोला 1971 में कुमाऊं रेजिमेंट में भर्ती हुए थे। मई 1984 को बटालियन लीडर लेफ्टिनेंट पीएस पुंडीर के नेतृत्व में 19 जवानों का दल ऑपरेशन मेघदूत के लिए निकला था। जिसके बाद 29 मई को भारी हिमस्खलन में पूरी बटालियन दब गई थी, जिसमें लॉस नायक चंद्रशेखर को शहीद घोषित कर दिया गया था।

उधर, शहीद लांसनायक के शव के प्राप्त होने की जानकारी मिलने के बाद रविवार को एसडीएम मनीष कुमार सिंह और तहसीलदार संजय कुमार समेत प्रशासन की टीम रामपुर रोड डहरिया स्थित सरस्वती विहार में उनके घर पहुंची और परिजनों को हिम्मत भी दी।