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Atamnirbhar Bharat: आखिर मोदी सरकार की आत्मनिर्भर भारत मुहिम ने किया कमाल, पांच महीने में ही चीन को दे दिया झटका

Atamnirbhar Bharat: मोदी सरकार ( Modi government) के आत्मनिर्भर भारत अभियान (Atamnirbhar Bharat campaign) की इस कोशिश को अब अच्छी सफलता मिलती दिख रही है। इस वित्त वर्ष 2020-21 के पहले पांच महीनों में चीन से होने वाला व्यापार घाटा (trade deficit) करीब आधा हो गया है। मतलब साफ है कि देशवासी मोदी सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान को बड़े पैमाने पर समर्थन दे रहे हैं।

नई दिल्ली। कोरोनावायरस के प्रसार की शुरुआत के साथ देशभर में हुई लॉकडाउन की प्रक्रिया ने एकतरफ जहां रोजगार और व्यापार पर जमकर प्रहार किया। वहीं इस सब के बीच आमजन को परेशानी से उबारने के लिए मोदी सरकार की तरफ से कई योजनाओं की घोषणा की गई। इसी समय चीन के साथ सीमा विवाद की भी शुरुआत हो गई ऐसे में मोदी सरकार की तरफ से इस बात पर बल दिया गया कि चीनी उत्पादों पर भारतीय लोगों की निर्भरता को कम किया जाए और भारत में तैयार होनेवाले उत्पादों की मांग देश ही नहीं पूरी दुनिया में बढ़े। पीएम मोदी ने इसी को देखते हुए देशके नागरिकों से आत्मनिर्भर भारत मुहिम का हिस्सा बनने की अपील की। इसके तहत मोदी सरकार की कोशिश है कि देश में नए उद्यमों को और बढ़ावा मिले। हम इतने आत्मनिर्भर बन सकें कि हमारे देश को किसी भी देश के उत्पाद के उत्पाद पर निर्भर ना होना पड़े। मोदी सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान की इस कोशिश को अब अच्छी सफलता मिलती दिख रही है। इस वित्त वर्ष 2020-21 के पहले पांच महीनों में चीन से होने वाला व्यापार घाटा करीब आधा हो गया है। मतलब साफ है कि देशवासी मोदी सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान को बड़े पैमाने पर समर्थन दे रहे हैं।

आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरुआत के साथ चीन को आर्थिक झटका देने के लिए भारत सरकार के द्वारा उठाए गए कदमों का नतीजा है कि अप्रैल से अगस्त 2020 के बीच व्यापार घाटा पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले आधा हो गया है। जानकारों की मानें तो इसकी असली वजह है चीन को होने वाले भारतीय निर्यात में बढ़त और केंद्र सरकार द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत उठाये जाने वाले कदम जिसकी वजह से आयात में कमी आई है। देश में चीन विरोधी माहौल की वजह से सरकार ने चीन से आने वाले आयात पर कई तरह के अंकुश भी लगाये हैं। वहां के कई तरह के माल की भारत में डंपिंग को रोकने लिए एंटी डंपिंग शुल्क लगाये गये हैं। अब ऐसे में भारत सरकार के इस कदम ने आर्थिक मोर्चे पर चीन को तगड़ा झटका तो दिया है साथ ही भारत सरकार के इस कदम की वजह से व्यापार घाटा भी कम हो गया है।

India china

एक अंग्रेजी अखबार की खबर की मानें तो अप्रैल से अगस्त 2020 के बीच भारत और चीन के बीच होने वाला व्यापार घाटा सिर्फ 12.6 अरब डॉलर (करीब 93 हजार करोड़ रुपये) का रह गया। जबकि वित्त वर्ष 2019-20 की इसी अवधि में यह घाटा 22.6 अरब डॉलर का था। इसके भी पहले यानी वित्त वर्ष 2018-19 में भारत का चीन से व्यापार घाटा 23.5 अरब डॉलर का था।

china exports

इस तरह व्यापार घाटे में कमी की मुख्य वजह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान और चीन से सीमा पर बढ़े तनाव को माना जा रहा है। भारत ने चीन से अपनी व्यापारिक निर्भरता लगातार कम करने का प्रयास किया है। साथ ही भारत को पूरी दुनिया के आर्थिक संपन्न देशों से जिस तरह का समर्थन मिल रहा है वह भी इसमें अहम भूमिका अदा कर रहा है।

china india

वह अब भारत चीन से सामान मंगाने पर कम और देश में बने माल और कच्चे माल को वहां भेजने पर ज्यादा जोर दे रहा है। भारत ने चीन को अपना निर्यात बढ़ाने की लगातार कोशिश की है। अगस्त में लगातार चौथे महीने चीन को होने वाले निर्यात में दो अंकों की ग्रोथ हुई है। इस बढ़त की मुख्य वजह चीन को लोहा एवं स्टील के निर्यात में होने वाली बढ़त है। इस दौरान चीन को लोहा-स्टील के निर्यात में करीब 8 गुना की बढ़त देखी गई है।

export import

अप्रैल से अगस्त के बीच भारत के चीन को होने वाले निर्यात में 27 फीसदी की जबरदस्त बढ़त देखी गई है। पिछले साल इसी अवधि में चीन को निर्यात महज 9.5 फीसदी बढ़ा था। जून महीने में तो चीन को होने वाले निर्यात में 78 फीसदी की बढ़त हुई है. इसी तरह निर्यात मई में 48 फीसदी और जुलाई में 23 फीसदी बढ़ा है।