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Rajasthan: मंत्री के बेटे पर रेप केस आरोप के बाद अब एक और मुद्दे से गहलोत सरकार की परेशानी में इजाफा, सीएम के करीबी पर गंभीर आरोप…

Rajasthan: अब नागौर में भाजपा नेता की हत्या का मामला सामने आने से गहलोत सरकार विपक्ष के निशाने पर है। बीते शनिवार को नागौर में बीजेपी नेता की दिन दहाड़े हत्या कर दी गई। जिसके बाद उनके शव को लेकर परिवार के लोगों और बीजेपी के कार्यकर्ताओं के द्वारा प्रदर्शन करते हुए आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग जोर पकड़ रही है। इसके साथ ही राज्य सरकार की परेशानियों में इजाफा होते हुए दिख रहा है।

नई दिल्ली। इन दिनों राजस्थान में सियासत का पारा अपने चरम पर पहुंचा हुआ है। सूबे की सरकार पर एक के बाद एक सवाल विपक्ष के द्वारा खड़े किए जा रहे है। राजस्थान सरकार में मंत्री महेश जोशी के बेटे रोहित जोशी एक रेप केस में पुलिस की नजर में हैं। इसके लिए राज्य सरकार पर बीजेपी के द्वारा जमकर घेरा जा रहा है। वहीं, अब नागौर में भाजपा नेता की हत्या का मामला सामने आने से गहलोत सरकार विपक्ष के निशाने पर है। बीते शनिवार को नागौर में बीजेपी नेता की दिन दहाड़े हत्या कर दी गई। जिसके बाद उनके शव को लेकर परिवार के लोगों और बीजेपी के कार्यकर्ताओं के द्वारा प्रदर्शन करते हुए आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग जोर पकड़ रही है। इसके साथ ही राज्य सरकार की परेशानियों में इजाफा होते हुए दिख रहा है। अब हर कोई इस मामले के लिए राज्य की गहलोत सरकार को टारगेट कर रहा है। सूत्रों के मूताबिक बीजेपी हत्या का आरोपी गहलोत सरकार का करीबी है। पिछले दो महिनों से गहलोत सरकार विपक्ष के निशाने पर है। सूबे की सरकार में परेशानियों का इजाफा उसके अपने ही लोग कर रहे हैं।

क्या है मामला?

राजस्थान में मंत्री के बेटे पर लगे रेप के आरोप के बाद अब एक बार फिर से नागौर से बीजेपी के स्थानीय नेता और नमक कारोबारी जयपाल पूनिया की हत्या का आरोप अशोक गहलोत के करीबी पर लग रहा है। दरअसल, जयपाल पूनिया की नागौर के नावां में शनिवार को दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना के बाद परिजनों ने सरकारी उप मुख्य सचेतक महेन्द्र  चौधरी के खिलाफ हत्या करने का नामजद केस दर्ज कराया है। इसके साथ ही मृतक के परिजनों ने चेतावनी भी दी है कि जब तक हत्या के आरोपियों को सरकार पकड़ के सजा नहीं दिलवा देती तब तक वह शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। इस घटना के बाद अब राज्य में एक बार फिर से लोग गहलोत सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं।