नई दिल्ली। केरल हाईकोर्ट ने पीएफआई कार्यकर्ताओं द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान हुई तोड़फोड़ का स्वत: संज्ञान लेने के बाद संगठन को 5 करोड़ रुपए से अधिक का मुआवजा देने का निर्देश दिया है और नहीं देने की स्थिति में व्यक्तिगत संपत्तियों को जब्त करने के लिए कहा है। हाईकोर्ट ने सभी निचली अदालतों को आदेश दिया है कि पीएफआई सरकारी संपत्तियों को हुई क्षति की भरपाई करें। कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक पैसों की भरपाई नहीं हो जाती है, तब तक हिरासत में लिए गए पीएफआई के किसी भी कार्यकर्ता को रिहा नहीं किया जाएगा।
Kerala HC directed the PFI’s Gen Secy to deposit Rs 5.20Cr towards the damages estimated by the State as well as KSRTC as arising from the destruction/damage caused to public property following protest called by PFI across Kerala on Sept 23; Amount to be deposited within 2 weeks pic.twitter.com/cUuZXvUXxi
— ANI (@ANI) September 29, 2022
दरअसल, विगत 23 सितंबर को सीबीआई की छापेमारी के विरोध पीएफआई कार्यकर्ताओं ने ‘केरल बंद’ का आह्वान किया था। लेकिन, इस दौरान तोड़फोड़ की घटना को भी अंजाम दिया गया, जिसमें राज्य सरकार की करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ था। जिसके बाद पुलिस ने घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दंगाइयों को चिन्हित कर उन्हें सलाखों के पीछे भेजना का सिलसिला शुरू किया है।
बता दें कि विगत गुरुवार को आगामी पांच वर्षों के लिए पीएफआई को बैन कर दिया गया है। ध्यान रहे कि देश विरोधी गतिविधियों सहित दंगों को भड़काने में शामिल रहने के आरोप में पीएफआई के खिलाफ उपरोक्त कदम उठाया गया है, जिसके बाद मुस्लिम समुदाय की ओर से तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं और सियासी गलियारों में सभी नेता एक-दूसरे पर इस मसले को लेकर छींटाकाशी करते हुए नजर आ रहे हैं। गौरतलब है कि पीएफआई के खिलाफ कार्रवाई के दौरान अब तक 1192 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 600 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है। वहीं, 447 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। बहरहाल, अब आगामी दिनों में पीएफआई के खिलाफ क्या कुछ कार्रवाई की जाती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए आप पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम