नई दिल्ली। करीब 2 साल पहले मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया था। इसके साथ ही राज्य के सभी खास अधिकार खत्म हो गए थे। इन अधिकारों में एक था कि दूसरे राज्य का कोई व्यक्ति जम्मू-कश्मीर में जमीन जायदाद नहीं खरीद सकता। मोदी सरकार ने अब संसद में बताया है कि अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद कितने बाहरी लोगों ने केंद्र शासित प्रदेश में जमीन खरीदी है। इस बारे में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक सवाल के जवाब में लिखित जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि अनुच्छेद 370 को रद्द करने के बाद जम्मू-कश्मीर में सिर्फ दो बाहरी लोगों ने जमीन खरीदी है। जम्मू-कश्मीर में बाहरी लोगों को जमीन खरीदने में किसी तरह की कठिन प्रक्रिया का सामना नहीं करना पड़ रहा है। अनुच्छेद 370 लागू होने के बाद से यहां किसी भी बाहरी व्यक्ति के जमीन-जायदाद खरीदने पर रोक लग गई थी। साथ ही जम्मू-कश्मीर की कोई महिला अगर राज्य से बाहर गैर कश्मीरी से शादी करती थी, तो उसके अधिकार भी खत्म कर दिए जाते थे। 370 रद्द होने के बाद महिलाओं को भी इस काले कानून से आजादी मिल गई।
केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद सात साल से यहां रह रहे या गैर कश्मीरी से शादी करने वाली महिलाओं को निवासी मानने का नियम भी लागू हो गया। इसके अलावा अब भारतीय संविधान पूरी तरह जम्मू-कश्मीर में लागू है। साथ ही सभी केंद्रीय कानून और खासकर आरक्षण संबंधी कानून यहां लागू कर दिए गए हैं। इससे पहले केंद्र सरकार को सिर्फ रक्षा, संचार और विदेश मामलों में ही हस्तक्षेप करने का अधिकार अनुच्छेद 370 और 35-ए के तहत मिला हुआ था।
गृह राज्य मंत्री ने ये भी बताया कि जम्मू-कश्मीर में साल 1989 से 5 अगस्त 2019 तक आतंकी वारदात में 5886 जवानों को शहादत देनी पड़ी। बता दें कि विशेष राज्य का दर्जा खत्म किए जाने के बाद से यहां आतंकी घटनाओं और पत्थरबाजी की वारदात में करीब 80 फीसदी तक कमी दर्ज की गई है। सुरक्षा बलों के ऑपरेशन ऑल आउट के तहत ज्यादातर बड़े आतंकी मार गिराए गए हैं।