newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Farmers Protest: संसद तक ट्रैक्टर मार्च के एलान के बाद सरकार ने भी कसी कमर, ऐसी की गई है तैयारी

इस साल 26 जनवरी को भी किसान आंदोलनकारियों ने ट्रैक्टर मार्च निकालकर दिल्ली में प्रवेश किया था। जिसके बाद लालकिला और कई अन्य इलाकों में जमकर हिंसा हुई थी। हैं। पुलिस के मुताबिक टीकरी, गाजीपुर और सिंघु बॉर्डर पर हजारों आंदोलनकारी पहुंचे हैं। अन्य आंदोलनकारी भी बड़ी तादाद में आने को हैं। ऐसे में बीती रात से सुरक्षा को चाक-चौबंद किया गया है।

नई दिल्ली। किसान आंदोलन चला रहे नेताओं और खासकर राकेश टिकैत ने एलान किया है कि किसी भी सूरत में वे पीछे नहीं हटने वाले। टिकैत ने ये भी एलान किया है कि पहले के प्लान के मुताबिक 29 नवंबर को संसद सत्र की शुरुआत के दिन 60 ट्रैक्टर और 1000 किसान संसद तक मार्च करेंगे। किसानों के इस मार्च को रोकने के लिए प्रशासन सक्रिय हो गया है। दिल्ली की सीमाओं पर जहां किसान आंदोलनकारी जुटे हैं, वहां सुरक्षा को पुख्ता किया जा रहा है। साथ ही बैरिकेडिंग को भी बढ़ा दिया गया है। पुलिस का इरादा है कि बिना परमिशन एक भी आंदोलनकारी दिल्ली में दाखिल न हो सके। पुलिस सूत्रों के मुताबिक दिल्ली पुलिस के स्पेशल ब्रांच को सतर्क किया गया है। अभिसूचना के कर्मचारी पल-पल की सूचना पुलिस मुख्यालय तक पहुंचा रहे हैं। पुलिस के मुताबिक टीकरी, गाजीपुर और सिंघु बॉर्डर पर हजारों आंदोलनकारी पहुंचे हैं। अन्य आंदोलनकारी भी बड़ी तादाद में आने को हैं। ऐसे में बीती रात से सुरक्षा को चाक-चौबंद किया गया है।

Rakesh Tikait Farmer Protest

बता दें कि बीती 19 नवंबर को गुरुनानक जयंती के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कृषि कानूनों को रद्द करने का एलान किया था। मोदी ने सभी आंदोलनकारियों को घर लौटने का आग्रह भी किया था, लेकिन राकेश टिकैत और अन्य किसान नेता उनकी अपील को कमजोरी मान रहे हैं। सरकार और पुलिस ये दिखा देना चाहती है कि किसी को उसकी मनमर्जी नहीं करने दी जाएगी। 29 नवंबर को कई मेट्रो स्टेशन भी बंद करने की तैयारी है। कुल मिलाकर किसी को भी जबरन दिल्ली में दाखिल नहीं होने दिया जाएगा।

Delhi police lal kila Tractor

इस साल 26 जनवरी को भी किसान आंदोलनकारियों ने ट्रैक्टर मार्च निकालकर दिल्ली में प्रवेश किया था। जिसके बाद लालकिला और कई अन्य इलाकों में जमकर हिंसा हुई थी। दिल्ली पुलिस के अफसरों और कर्मचारियों पर आंदोलन में शामिल अराजक तत्वों ने हमले भी किए थे। कई सोशल मीडिया हैंडल्स से इन आंदोलनकारियों को भड़काया भी गया था। ऐसे में दिल्ली पुलिस इस बार कोई मौका इनको देना नहीं चाहती है।