नई दिल्ली। ऐसे वक्त में जब भारत के लिए लगातार सुरक्षा मोर्चे पर चुनौतियां बढ़ती जा रही है। जहां एक तरफ चीन हमारी सीमा पर अतिक्रमण करने पर आमादा रहता है, तो वहीं हर मर्तबा भारत से मुंह की खाने वाले पाकिस्तान भी अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आता है। हालांकि, कई मौकों पर भारतीय सुरक्षाबलोंं की तरफ से इन दोनों ही देशों को मुंहतोड़ जवाब दिया जा चुका है, लेकिन अपनी आदत से मजबूर इन्हें भारत से मुंह की खाने में शायद आनंद आता है। लेकिन अब इन्हीं देशों को माकूल जवाब देने की दिशा में विगत सोमवार का दिन भारत की रक्षा शक्ति के लिहाज से काफी शानदार रहा। यह टेस्टिंग ओडिशा के चांदीपुर स्थित एपीजे अब्दुल कलाम आइलैंड पर 6 जून 2022 की शाम साढ़े सात बजे की गई। भारतीय सेना और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने अपनी ताकतवर मिसाइल अग्नि-4 का सफल परीक्षण किया। इसका सफल परीक्षण भारत की ‘विश्वसनीय न्यूनतम प्रतिरोधक क्षमता’ की नीति की पुष्टि करता है। पहले भी कई बार इस मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया है। इससे पहले भी कई बार इस मिसाइल का सफल परीक्षण किया जा चुका है। अग्नि-4 मिसाइल को DRDO और भारत डायनामिक्स लिमिटेड ने मिलकर बनाया था। वहीं अग्नि 3 की मारक क्षमता 3000 किलोमीटर तक है। हालांकि, इस मिसाइल को 4000 किलोमीटर तक भी बढ़ाया जा सकता है।
मिसाइल की क्या है खासियत
मिसाइल का कुल वजन 17 हजार किलोग्राम है और लंबाई 20 मीटर है। इस मिसाइल में तीन तरह के हथियार ले जाए सकते हैं, यह मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हैं। जिनमें- पारंपरिक, थर्मोबेरिक और स्ट्रैटेजिक न्यूक्लियर वेपन शामिल हैं। अग्नि-4 मिसाइल 4000 किलोमीटर की दूरी तक लक्ष्य भेदने में सक्षम है। अग्नि सीरीज की मिसाइल की यह चौथी मिसाइल है।
मिसाइल का परीक्षण
इस दौरान मिसाइल की तकनीकी, हमलावर टेक्निक, नेविगेशन मानकों का परीक्षण किया गया। स्ट्रैटेजिक फोर्स कमांड ने जारी बयान में कहा कि यह एक रूटीन ट्रेनिंग लॉन्च थी। जिसमें फिर से सारे ऑपरेशनल पैरामीटर की टेस्टिंग की गई है। भारत इस जांच से बताना चाहता है कि वह अपने विश्वसनीय न्यूनतम प्रतिरोध क्षमता को बनाए रखेगा।