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CAA के खिलाफ लड़ाई कश्मीर को अलग करके नहीं जीत सकते : आइशी घोष

जामिया पहुंची जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष ने यहां पहुंचकर कश्मीर में लगी पाबंदियों का मुद्दा उठाया। आइशी ने कहा कि अपने इस प्रदर्शन में हम कश्मीर को नहीं भूल सकते।

नई दिल्ली। जामिया की लाइब्रेरी में पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई को एक महीना पूरा हो गया है। पुलिस की इस कार्रवाई के विरोध में बुधवार को जामिया में हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए। एम्स के डॉक्टरों, विभिन्न अदालतों के वकीलों, एनएसयूआई, आइसा, जेएनयू छात्रसंघ, एएमयू, डीयू, बीएचयू के छात्रों समेत देशभर के 20 से अधिक संगठनों ने ‘आज चलो जामिया’ की कॉल दी थी। जामिया के छात्रों ने 15 दिसंबर की रात की गई पुलिस कार्रवाई को ‘ब्लडी संडे’ कहा।

Aishi Ghosh JNU

जामिया पहुंची जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष ने यहां पहुंचकर कश्मीर में लगी पाबंदियों का मुद्दा उठाया। आइशी ने कहा कि अपने इस प्रदर्शन में हम कश्मीर को नहीं भूल सकते। कश्मीर के उन सारे तमाम साथियों को याद किया जाए जो अपने हक के लिए लड़ रहे हैं।

आइशी घोष ने कहा, “हमें डरने की जरूरत नहीं है, बल्कि शाहीन बाग की हिम्मती महिलाओं से प्रेरणा लेने की जरूरत है। दिल्ली पुलिस ने जामिया विश्वविद्यालय के अंदर घुसकर छात्रों से हिंसा की है। यहां विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी पुलिस द्वारा तोड़ी गई। सीएए व एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में पुलिस मस्जिद और लाइब्रेरी कैसे तोड़ सकती है। इस पर हम चुप नहीं बैठेंगे।”

Jamia Nagar violence
कश्मीर पर आइशी ने कहा कि हम कश्मीरियों को पीछे नहीं छोड़ सकते, क्योंकि वहीं से संविधान पर आक्रमण प्रारंभ हुआ था। आइशी घोष की बात खत्म होते ही छात्रों ने यहां जमकर ‘लाल सलाम, लाल सलाम, हमें चाहिए एनआरसी से आजादी सीएए से आजादी’ के नारे लगाए।

पूर्व राज्यसभा सांसद बिनी विश्वाम भी जामिया पहुंचे और यहां उन्होंने कहा कि “सरकार छात्रों को शक्ति के बल पर रोकना चाहती है, लेकिन छात्र जो असली भारत हैं, वे उन्हें पीछे हटने पर मजबूर कर देंगे। कोई भी भारत को नहीं हरा सकता। यह विश्वविद्यालय अपने आप में एक इतिहास लिख रहा है। हम सब साथ मिलकर इस काले कानून को हरा देंगे।”

Aishi Ghosh JNU
आंदोलन को समर्थन देने के लिए एम्स से आए डॉक्टर रिजवान ने कहा, “सरकार लगातार अल्पसंख्यकों के लिए नीतियों में बदलाव कर रही है। आज परिवर्तन का आधार ईष्ट (धर्म) है, कल को रंग होगा, त्वचा होगी।”

नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन भी छात्रों का समर्थन करने के लिए जामिया पहुंचे। कुंदन ने कहा कि “आज जो भी आदमी विरोध कर रहा है, उसे नक्सली कहा जा रहा है। सरकार जनता को असल मुद्दों से भटकाना चाहती है। वह बेरोजगारी, गरीबी और अर्थव्यवस्था के मुद्दों पर बात नहीं करना चाहती।”