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Akhilesh Yadav: इधर नीतीश कुमार दिल्ली आने का देख रहे हैं सपना, उधर अखिलेश ने उनके अरमानों पर फेरा पानी

Akhilesh Yadav: दरअसल, एक टीवी चैनल की तरफ से अखिलेश यादव से प्रश्न किया गया कि, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि नीतीश कुमार साल 2024 में प्रधानमंत्री पद के कैंडिडेट हो सकते हैं। जिस पर सपा प्रमुख ने जवाब देते हुए कहा कि, ‘मैं इतनी बड़ी राजनीति तो नहीं करता हूं। लेकिन 2024 में देश को एक चेहरा जरूर मिलेगा। लेकिन वह फेस कौन होगा, मैं नहीं जानता। चेहरा अवश्य मिलेगा।’

नई दिल्ली। हाल ही में एनडीए का साथ छोड़कर नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी के साथ मिलकर सरकार बना ली। नीतीश कुमार राज्य के 8वीं बार मुख्यमंत्री बने। वहीं तेजस्वी यादव राज्य के डिप्टी सीएम बने। लेकिन जब से नीतीश कुमार ने एनडीए का साथ छोड़कर विपक्षी खेमे में जुड़े है, तब से वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगातार हमलावर है। इसके साथ ही अब वो पटना छोड़कर दिल्ली का सपना देखने लगे है। अब इस बात के संकेत मिलते दिख रहे हैं कि विपक्षी एकता की ओर से नीतीश कुमार को नरेंद्र मोदी के सामने प्रधानमंत्री पद के लिए प्रोजेक्ट किया जा सकता है। इसी बीच समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने 2024 के लोकसभा चुनावों में पीएम पद के लिए नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की दावेदारी के सवाल को टाल गए है।

CM Nitish Kumar

दरअसल, एक टीवी चैनल की तरफ से अखिलेश यादव से प्रश्न किया गया कि, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि नीतीश कुमार साल 2024 में प्रधानमंत्री पद के कैंडिडेट हो सकते हैं। जिस पर सपा प्रमुख ने जवाब देते हुए कहा कि, ‘मैं इतनी बड़ी राजनीति तो नहीं करता हूं। लेकिन 2024 में देश को एक चेहरा जरूर मिलेगा। लेकिन वह फेस कौन होगा, मैं नहीं जानता। चेहरा अवश्य मिलेगा।’ सपा प्रमुख ने ये भी कहा कि भाजपा को अगर रोका जा सकता है, तो प्राथमिक तौर पर यूपी से ही हो सकता है।

akhilesh yadav

अखिलेश यादव नीतीश कुमार को सीधे-सीधे तो नहीं, मगर उन्हें पीएम पद के दावेदार नहीं मान रहे है। ऐसे में नीतीश कुमार के 7 लोक कल्याण मार्ग का सपनों पर वो पानी फेरने का काम कर रहे हैं। नीतीश कुमार के सपनों के रास्ते में सामने विपक्षी पार्टियां ही आने लगी है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव को पीएम पद की दावेदारी को पहले भी नकार चुके हैं। बता दें कि इस वक्त पीएम मोदी के सामने विपक्ष का कोई बड़ा और विश्वसनीय चेहरा नहीं है। जहां कांग्रेस दिन ब दिन सिमटती जा रही है। वहीं दूसरी पार्टियां क्षेत्रीय दल का कोई बड़ा वर्चस्व नहीं है।