News Room Post

Controversy Over Social Media Post Of IAS Smita Sabharwal : ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर को लेकर मचे घमासान के बीच आईएएस स्मिता सभरवाल की पोस्ट से शुरू हुआ नया विवाद

Controversy Over Social Media Post Of IAS Smita Sabharwal : 2000 बैच की तेलंगाना कैडर की आईएएस स्मिता सभरवाल ने यूपीएससी परीक्षा में दिव्यांगता कोटे पर ही सवाल खड़ा कर दिया है। अब आईएएस स्मिता अपने इस पोस्ट को लेकर चर्चा में हैं। कई लोग उनकी पोस्ट पर तरह-तरह के कमेंट कर हैं। कुछ लोग उन पर भड़कते हुए उनको दिव्यांग विरोधी करार दे रहे हैं।

नई दिल्ली। महाराष्ट्र कैडर की ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर को लेकर मचे घमासान के बीच तेलंगाना कैडर की आईएएस अधिकारी स्मिता सभरवाल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में कुछ ऐसी बात लिख दी जिसको लेकर नया विवाद शुरू हो गया है। दरअसल स्मिता सभरवाल ने यूपीएससी परीक्षा में दिव्यांगता कोटे पर ही सवाल खड़ा कर दिया है। 2000 बैच की तेलंगाना कैडर की आईएएस स्मिता सभरवाल ने लिखा, जैसे-जैसे यह बहस दिन पर दिन तेज होती जा रही है। दिव्यांगों के प्रति मेरा पूरा सम्मान है। लेकिन क्या कोई एयरलाइन कंपनी किसी दिव्यांग को पायलट नियुक्त कर सकती है? या क्या आप किसी विकलांग सर्जन पर भरोसा कर सकते हैं?

ऑल इंडिया सर्विस (एआईएस) आईएएस-आईपीएस-आईएफएस की सर्विस में फील्ड-वर्क होता है, कई घंटों तक लगातार काम करना होता है, लोगों की शिकायतों को सीधे सुनना पड़ता है और इस काम को करने के लिए शारीरिक रूप से फिट होना बहुत जरूरी है। इस प्रमुख काम के लिए सबसे पहले इस कोटा की जरूरत क्यों है?

<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”en” dir=”ltr”>This is such a pathetic and exclusionary view to have. Interesting to see how bureaucrats are showing their limited thoughts and their privilege too <a href=”https://t.co/n2seGiI0qP”>https://t.co/n2seGiI0qP</a></p>&mdash; Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) <a href=”https://twitter.com/priyankac19/status/1814949446485975060?ref_src=twsrc%5Etfw”>July 21, 2024</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>

अब आईएएस स्मिता अपने इस पोस्ट को लेकर चर्चा में हैं। कई लोग उनकी पोस्ट पर तरह-तरह के कमेंट कर हैं। कुछ लोग उन पर भड़कते हुए उनको दिव्यांग विरोधी करार दे रहे हैं। शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी स्मिता के बयान पर कमेंट करते हुए लिखा, यह बहुत दयनीय और बहिष्कारपूर्ण नजरिया है। यह दिलचस्प है कि नौकरशाह किस तरह से अपने सीमित विचार और अपने विशेषाधिकार दिखा रहे हैं। इस पर रिप्लाई करते हुए आईएएस स्मिता ने कहा कि मैडम, पूरे सम्मान के साथ, अगर नौकरशाह शासन के प्रासंगिक मुद्दों पर बात नहीं करेंगे, तो कौन करेगा? मेरे विचार 24 साल के करियर में मिले अनुभव की देन हैं।

वहीं पीआर रेड्डी के नाम के एक यूजर ने अपने कमेंट में लिखा कि ध्यान देने योग्य बात यह है कि इसमें एक खूबी भी है। इसी तरह हमें आईएएस-आईपीएस-आईएफएस-आईएफओएस आदि के बच्चों को एससी-एसटी-ओबीसी आरक्षण क्यों देना चाहिए? यदि हम उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं देंगे, तो अन्य अधिक योग्य लोग सेवाओं में आ जायेंगे। आरक्षण नियमों में काफी सुधार की जरूरत है। इस पर स्मिता ने जवाब दिया बिल्कुल नहीं देना चाहिए।

Exit mobile version