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Delhi: ठंडे बस्ते में पड़े CAA को लागू करने की तैयारी में जुटे अमित शाह, बताया कब से लागू होगा ये अहम कानून

इस कानून के तहत साल 2014 को कटऑफ मानते हुए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले हिंदू, बौद्ध, जैन और ईसाई समुदाय के पीड़ित लोगों को भारत की नागरिकता देने की बात है। इस नागरिकता कानून के अलावा पहले से जारी नागरिकता कानून के तहत भी विदेशियों को नागरिकता मिलती रहेगी।

नई दिल्ली। अलग-अलग आंदोलन, दिल्ली में हिंसा और कोरोना महामारी के कारण ठंडे बस्ते में पड़े नागरिकता कानून CAA को लागू करने के बारे में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अहम बयान दिया है। शाह ने तय कर दिया है कि सीएए को कब से लागू किया जाएगा। पश्चिम बंगाल में बीजेपी के नेता शुभेंदु अधिकारी से मुलाकात के दौरान उनसे शाह ने सीएए लागू करने के बारे में बात की। शुभेंदु के मुताबिक शाह ने कहा है कि कोरोना के टीके लगने का काम पूरा होने के बाद सीएए के नियम बनाकर इसे लागू किया जाएगा। बता दें कि सीएए को 2019 में संसद ने पास किया था, लेकिन अब तक इसे लागू नहीं किया जा सका है।

amit shah and suvendu adhikari

इस कानून को लागू करने की राह में तमाम अड़चनें एक के बाद एक आती रही हैं। पहले कानून के खिलाफ लंबे समय तक आंदोलन चला। इस आंदोलन के दौरान दिल्ली में हिंसा भी हुई। इसके बाद कोरोना आ गया। फिर किसान आंदोलन की वजह से सीएए लागू नहीं हो सका। माना जा रहा है कि गृहमंत्रालय इसे इस साल के अंत तक लागू करने का एलान कर देगा। किसी भी कानून के तहत नियम तैयार करने होते हैं। इस कानून के लिए अभी नियम भी तैयार नहीं हुए हैं। कई बार संसद से गृह मंत्रालय ने सीएए लागू करने की समयसीमा बढ़ाने की मंजूरी भी ली है।

Delhi Riots petrol

इस कानून के तहत साल 2014 को कटऑफ मानते हुए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले हिंदू, बौद्ध, जैन और ईसाई समुदाय के पीड़ित लोगों को भारत की नागरिकता देने की बात है। इस नागरिकता कानून के अलावा पहले से जारी नागरिकता कानून के तहत भी विदेशियों को नागरिकता मिलती रहेगी। सीएए के खिलाफ ये आरोप लगाकर आंदोलन हुआ था कि इसमें मुस्लिमों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है। आंदोलन के दौरान तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी दिल्ली आए थे। उस दौरान हिंसा हुई थी। जिसमें कई लोगों की जान भी गई थी। मोदी सरकार ने हालांकि इस मामले में कदम पीछे नहीं खींचे।