नई दिल्ली। एक तरफ जहां सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के बीच लगातार तनाव बना हुआ है। दूसरी ओर ड्रैगन को सबक सिखाने के लिए भारत लगातार अपनी सैन्य क्षमता में इजाफा करने में लगा हुआ है। जिससे चीन की हर नापाक साजिशों का मुंहतोड़ जवाब दिया जाए। इसी कड़ी में गुरुवार को भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवने विशाखापट्टनम में स्वदेशी निर्मित एंटी-सबमरीन युद्धपोत आईएनएस कावारत्ती (INS Kavaratti) को नौसेना में शामिल किया। इस की खासियत है कि यह रडार की पकड़ में नहीं आता। कावारत्ती के बेड़े में शामिल होने से नौसेना की ताकत में और भी अधिक इजाफा होगा। प्रोजेक्ट 28 के तहत निर्मित चार स्वदेशी युद्धपोत में से यह अंतिम है।
INS Kavaratti, last of the 4 indigenously built Anti-Submarine Warfare stealth corvettes, is all set to join Indian Navy.
Designed by Indian Navy’s Directorate of Naval Design, the ship portrays our growing capability in becoming self-reliant through indigenization: Indian Navy pic.twitter.com/jHFcuGIkwT
— ANI (@ANI) October 22, 2020
आईएनएस कावारत्ती को भारतीय नौसेना के संगठन डायरेक्टॉरेट ऑफ नेवल डीजाइन (डीएनडी) ने डिजाइन किया है। इससे पहले नौसेना को ऐसे ही तीन युद्धपोत आईएनएस कमोर्ता, आईएनएस कदमत और आईएनएस किलतान सौंपे जा चुके हैं।
कावारत्ती को स्वदेशी रूप से विकसित अत्याधुनिक हथियारों और सेंसर से लैस किया गया है जिसमें एक मध्यम श्रेणी की बंदूक, टारपीडो ट्यूब लांचर, रॉकेट लांचर और एक करीबी हथियार प्रणाली शामिल है। नौसेना अधिकारियों ने बताया कि आईएनएस कावारत्ती में अत्याधुनिक हथियार प्रणाली है और ऐसे सेंसर लगे हैं जो पनडुब्बियों का पता लगाने और उनका पीछा करने में सक्षम हैं। इस युद्धपोत में इस्तेमाल की गई 90 फीसद चीजें स्वदेशी हैं।