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Sanskar Bharti: कलाकारों को सरकारी घर खाली किए जाने का नोटिस, संस्कार भारती ने की पुनर्विचार की मांग

Sanskar Bharti: केंद्र सरकार की तरफ से कलाकारों को आवंटित घर खाली किए जाने के नोटिस दिए गए हैं। इस नोटिस के बाद संस्कार भारती (Sanskar Bharti) ने केंद्र सरकार से इस पूरे मामले पर पुनर्विचार करने को कहा है। आपको बता दें कि शहरी विकास मंत्रालय द्वारा कलाकारों को आवंटित सरकारी आवासों को खाली करने का आदेश जारी किया गया है। संस्कार भारती की तरफ से संस्था के महामंत्री अमीर चंद ने इस मामले में पहल करते हुए सरकार से मांग की है कि ऐसे आदेश पर पुनर्विचार करना चाहिए।

नई दिल्ली। केंद्र सरकार की तरफ से कलाकारों को आवंटित घर खाली किए जाने के नोटिस दिए गए हैं। इस नोटिस के बाद संस्कार भारती ने केंद्र सरकार से इस पूरे मामले पर पुनर्विचार करने को कहा है। आपको बता दें कि शहरी विकास मंत्रालय द्वारा कलाकारों को आवंटित सरकारी आवासों को खाली करने का आदेश जारी किया गया है। संस्कार भारती की तरफ से संस्था के महामंत्री अमीर चंद ने इस मामले में पहल करते हुए सरकार से मांग की है कि ऐसे आदेश पर पुनर्विचार करना चाहिए। उन्होंने आगे इस मामले पर पद्म विभुषण पंडित बिरजू महाराज, पद्मभूषण भजन सोपोरी एवं पद्मश्री वसिफुद्दीन डागर आदि गणमान्य कलाकारों से भेंट की और उन्हें इसके बाद पता चला कि आवंटित सरकारी आवासों को खाली करने का आदेश शहरी विकास मंत्रालय के द्वारा जारी किया गया है।Sanskar Bharti

सभी कलाकारों से मुलाकात के बाद अमीर चंद ने सरकार से मांग की सरकार को कलाकारों के राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक योगदान, उनकी आयु, उनकी आवश्यकता सहित कई और चीजों पर ध्यान देते हुए इस तरह के आदेश पर फिर से पुनर्विचार करने की मांग की है। इसके साथ ही इस बात की भी मांग की गई है कि नई पीढ़ी के कला साधकों हेतु आवास नीति पर भी विचार किया जाना चाहिए। अमीर चंद ने इस मांग को करते हुए कहा कि भारत सरकार ने अपनी नई शिक्षा नीति में कला को विशेष स्थान देकर संस्कृति के महत्व को रेखांकित किया है। अमीर चंद ने आगे कहा कि सरकार की यह नीति है कि इस संकट में आवश्यक सहायता दी जाए। इसलिए सरकार द्वारा कलाकारों को इतने लंबे समय से प्रदत्त सहायता को संकट के समय वापसे लेना मानवीय दृष्टिकोण अनुरूप नहीं है।

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सरकार से यह भी मांग की गई है कि पूर्व में यदि इस मामले पर कुछ गलत तरह का आवंटन हुआ है तो इसकी जांच होनी चाहिए और इस पर कार्यवाही होनी चाहिए। लेकिन योग्य कलाकारों को इससे वंचित नहीं किया जाना चाहिए।

संस्कार भारती की ओर से जारी अपील में कहा गया है कि कोरोना की लगातार बदलती परिस्थितयों से शीघ्र वातावारण सामान्य होता नहीं दिख रहा है। ऐसे में समाज में सहज होने में तो लंबा समय लगने की संभावना भी है। ऐसी परिस्थिति में कलाओं के प्रदर्शन की संभावनाएं भी दूर-दूर तक नहीं दिख रही है, जो कलाकारों के लिए एक बहुत बड़ा संकट है। ऐसे में सरकार के किसी निर्णय से कलाकारों के सामने और कोई नया संकट पैदा ना हो यह ध्यान रखना आवश्यक है। लॉकडाउन में समाज के मनोबल को बनाए रखने के लिए कलाकारों ने सबसे ज्यादा बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। यह अनुभव भी हम सबका है।

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वहीं संस्कार भारती की तरफ से इस बात की मांग की गई है कि केंद्रीय संस्कृति मंत्री ने भी 6 माह पूर्व क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों के माध्यम से कलाकारों के लिए सहायता संबंधी बात कही थी, उस पर शीघ्र संज्ञान लेकर सहायता की व्यवस्था की जानी चाहिए।