UP Madarsa Survey: इधर योगी सरकार ने UP में मदरसों के सर्वे का दिया आदेश, उधर बौखलाए ओवैसी, बताया छोटा NRC

UP Madarsa Survey: ओवैसी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, आप सर्वे क्यों करना चाहते हो। मैं अगर मदरसा खोलता हूं तो अपने इस्लामिक तौर तरीके उनको सीखाना के लिए , उनको मौलाना, मुफ्ती बनाने के लिए। इसका राज्य सरकार से तालुक नहीं है और संविधान के आर्टिकल 30 के तहत मुझे एक fundamental rights है कि मैं अपने मदरसे खोलू। इसमें सरकार क्यों हस्तक्षेप करेगी।

Avatar Written by: September 1, 2022 2:24 pm
Asaduddin Owaisi and Yogi

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मदरसे के सर्वे का फैसला किया है। अब इसको लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने यूपी सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाए है। इसके साथ ही ओवैसी ने इसे छोटा एनआरसी बता डाला। उन्होंने कहा कि ये मुस्लमानों को परेशान करने की कोशिश है। ये सर्वे नहीं छोटा एनआरसी है और मुसलमानों को कंट्रोल करने की कोशिश है। वहीं योगी सरकार ने राज्य के मदरसे के सर्वे की बात कही है जिसको यूपी के कई मुस्लिम मंत्री ने सही ठहराया है कि मरदसों के क्या हालत है इसकी जानकारी हमको होनी चाहिए। इसमें क्या दिक्कत है। लेकिन इस मामले असदुद्दीन ओवैसी की एंट्री हो गई है। जिस तरह से यूपी की सियासत में ओवैसी पैर पसराना चाहते थे मगर देखा गया कि यूपी विधानसभा चुनाव में ओवैसी को राज्य के मुसलमानों ने उतना सपोर्ट नहीं किया।

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ओवैसी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, आप सर्वे क्यों करना चाहते हो। मैं अगर मदरसा खोलता हूं तो अपने इस्लामिक तौर तरीके उनको सीखाना के लिए , उनको मौलाना, मुफ्ती बनाने के लिए। इसका राज्य सरकार से तालुक नहीं है और संविधान के आर्टिकल 30 के तहत मुझे एक fundamental rights है कि मैं अपने मदरसे खोलू। इसमें सरकार क्यों हस्तक्षेप करेगी। आप सर्वे क्यों करना चाह रहे है आपको इससे क्या लेना देना है। आगे ओवैसी ने भड़कते हुए कहा कि ये सर्वे नहीं छोटा एनआरसी है।

भाजपा का ओवैसी को जवाब-

वहीं ओवैसी के बयान पर अब भाजपा ने पलटवार किया है। यूपी के पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने AIMIM प्रमुख पर निशाना साधते हुए कहा, ओवैसी का बयान हास्यास्पद होता है और उनका हर बयान उत्तेजना फैलाने वाला होता है। दिनेश शर्मा ने कहा कि ओवैसी को पता होना चाहिए कि मदरसे से प्राप्त जो छात्र बाहर निकलता था वो डिग्री के आधार क्या पासपोर्ट भी नहीं बना सकता है। नौकरियों में भी उनको मान्यता नहीं मिलती थी। इसका कारण है कि वहां पर आज की आधुनिक शिक्षा का जो पैर्टन है उसका आभाव था।

बता दें कि यूपी सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री दानिश सिद्दीकी ने बताया कि, यूपी सरकार के सर्वे में पता चलेगा कि मान्यता प्राप्त मदरसों के अलावा और कितने मदरसे सूबे में चल रहे है। प्रदेश के सभी जिलाधिकारी 25 अक्टूबर तक सर्वे करने के बाद अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को देंगे।

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