हैदराबाद। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन AIMIM के सांसद और चीफ असदुद्दीन ओवैसी एक बार फिर सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर हैं। इसकी वजह उनकी हिंदू बनाम मुस्लिम की सियासत है। ओवैसी ने एक बार फिर हिंदू और मुस्लिम को लेकर एक बयान दिया। इस बयान पर सोशल मीडिया यूजर्स ने उनको जमकर खरी-खोटी सुनाई है। पहले आपको बताते हैं कि ओवैसी ने क्या कहा। ओवैसी ने कहा, ‘मोदी सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स में स्वनिधि योजना के तहत रेहड़ी-पटरी पर दुकान लगाने वाले वेंडर्स को लोन दिया जाता है। RTI से पता चला कि योजना के तहत 32 लाख लोन दिए गए जिसमें से सिर्फ 331 लोन अल्पसंख्यक को दिए गए हैं।’
मोदी सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स में स्वनिधि योजना के तहत रेहड़ी-पटरी पर दुकान लगाने वाले वेंडर्स को लोन दिया जाता है। RTI से पता चला कि योजना के तहत 32 लाख लोन दिए गए जिसमें से सिर्फ 331 लोन अल्पसंख्यक को दिए गए हैं: AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, हैदराबाद pic.twitter.com/BQYd4VVgt0
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 24, 2022
ओवैसी के इस बयान पर यूजर्स ने उन्हें क्या-क्या कहा, ये हम आपको बताएंगे, लेकिन एआईएमआईएम के चीफ लगातार अपनी हिंदू-मुस्लिम सियासत से माहौल को गरमाते रहते हैं। यूपी समेत तमाम राज्यों के चुनाव में जहां भी ओवैसी की पार्टी उम्मीदवार उतारती रही हैं, वहां जाकर उन्होंने आमतौर पर दोनों समुदायों में कटुता बढ़ाने वाला बयान ही दिया है। वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के मामले में भी ओवैसी ने भड़काऊ बयान दिया था। नूपुर शर्मा के मामले में भी वो हमलावर रहे हैं। कुल मिलाकर ओवैसी की सारी सियासत अब तक सिर्फ हिंदू और मुस्लिम करते रहने में ही बीती है।
अब आपको बताते हैं कि ओवैसी को ताजा बयान पर किस तरह यूजर्स ने खरी-खोटी सुनाते हुए क्लास लगाई। श्रीमती सुमन नाम के यूजर ने लिखा कि अब लोन नहीं ले रहे हैं तो कौन जिम्मेदार है? RTI से पता करो आतंकवाद जेहाद, बम ब्लास्ट में सबसे ज्यादा कौन है? जबकि इन्फिनिटी नाम के यूजर ने लिखा कि सबसे ज्यादा डिफॉल्टर शांतिदूत ही होते हैं। पैसा लेके खा जाने में इनको महारत हासिल हैं। वैसे तो ब्याज का पैसा इनके लिए हराम है पर किस्त न भरने में सब हलाल हो जाता है। जी. चंद्रावत नाम के यूजर ने लिखा कि लोन लेने के लिए कागज दिखाने पड़ते हैं। वहीं, अंकुर गोयल भारतीय ने लिखा कि क्या बकवास है, हमारे जिले में ही इससे ज्यादा लोन अल्पसंख्यकों को दिए गए हैं। यूजर्स ने और क्या कहा, ये आप ऊपर दिए ट्वीट के रिप्लाई सेक्शन में जाकर देख सकते हैं।