नेशनल हेराल्ड मामले में फंसे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और नेता राहुल गांधी से प्रवर्तन निदेशालय (ED) के पूछताछ का सिलसिला लगातार बढ़ता जा रहा है। राहुल गांधी पिछले 6 दिनों से प्रवर्तन निदेशालय के चक्कर लगा रहे हैं। एक दिन पहले बुधवार को भी राहुल गांधी से घंटो तक पूछताछ की गई। इसी दौरान ईडी के अधिकारी उनसे पूछा कि आखिर कैसे छोटे से कमरे में इतनी देर तक थके नहीं, राज क्या है? । ईडी के अधिकारी के इस सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने बताया कि विपश्यना से आदत लग गई है। तो क्या होता है विपश्यना जानेंगे इस खबर में और ये भी जानेंगे कि इसका फायदा क्या होता है, इसे कैसे किया जाता है…
क्या है विपश्यना
विपश्यना (Vipassana) एक प्राचीन ध्यान (Meditation) विधि है जिसका अर्थ होता है देखकर लौटना। विपश्यना को आत्म निरीक्षण और आत्म शुद्धि के लिए सबसे बेहतरीन पद्धति भी माना जाता है। हजारों साल पहले भगवान बुद्ध ने भी इसी ध्यान विधि के जरिए बुद्धत्व को हासिल किया था। इतना ही नहीं, उन्होंने इसका ज्ञान अपने जानने वाले लोगों को भी कराया। आसान शब्दों में कहें तो ये एक ध्यान विधि है जो कि खुद को जानने (Know Yourself) में आपकी सहायता करती है।
विपश्यना एक प्राणायाम और साक्षी भाव का मिलाजुला योग है। इस विधि को करने के दौरान आपको अपनी सांस को महसूस करना यानी कि सांस लेना और छोड़ने की प्रक्रिया को महसूस करना होता है और इसे लेकर आपको सजग रहने का भी अभ्यास करना होता है। विपश्यना ध्यान के पांच सिद्धांत बताए जाते हैं जो हैं जीव हिंसा की पूर्ण मनाही, चोरी ना करना, ब्रह्मचर्य का पालन, अपशब्दों का इस्तेमाल न करना और नशे से दूर रहना।
ED and such agencies don’t affect me, even the officers who interrogated me understood that a leader of the Congress party can’t be scared and suppressed: Congress leader Rahul Gandhi pic.twitter.com/950v7fBxpj
— ANI (@ANI) June 22, 2022
इस ध्यान को कब करें
इस ध्यान विधि को आप सुबह और शाम को एक-एक घंटा कर सकते हैं। दोनों वक्त करने पर आपको ज्यादा फायदा मिलता है। वैसे आप अपनी सुविधा के अनुसार इसे सोने से पहले पांच मिनट और सुबह उठकर पांच मिनट भी कर सकते हैं।
कैसे करें विपश्यना ध्यान
विपश्यना करने के लिए सबसे पहले ध्यान की अवस्था में बैठें। अब अपनी सांसों के आने और जाने पर ध्यान दें। इस बात का ध्यान रहे कि इसे करते वक्त आपका पूरा ध्यान सांस के आने जाने और रुकने पर लगा हो। महसूस करें कि आपकी नाक के छिद्र से सांस अंदर जा रही है और रुक रही है। इसके बाद अब सांस बाहर आ रही है। सांस के आने और जाने के इस क्रम पर नजर बनाए रखें। विपश्यना एक तरह स्वभाव है कोई विधि नहीं है। ऐसे में आपको इसे करने के लिए किसी तरह के तामझाम की जरूरत नहीं होती। आप इस विपश्यना ध्यान को उठते, बैठते, सोते जागते, बात करते या मौन रहते किसी भी अवस्था में कर सकते हैं। हालांकि जब तक ध्यान केंद्रित हो तभी तक आपको इस अध्ययन को करना चाहिए। जबरन इसे न ही करें।
शरीर पर क्या असर होता है
विपश्यना ध्यान मन की शांति के लिए, मानसिक तनाव से बचने के लिए किया जाता है। जिन लोगों का दिमाग और मन तनाव से भरा हुआ है उनके लिए ये काफी फायदेमंद होता है। इसे करने से मन में हमेशा शांति बनी रहती है साथ ही शरीर भी निरोग रहता है।