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बाबरी विध्वंस मामला : सत्येंद्र दास और इकबाल अंसारी ने की कोर्ट से अपील- सभी आरोपियों को कर दें…

Babri Demolition Case: बाबरी विध्वंस मामले (Babri Demolition Case) में कल यानी 30 सितंबर को कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी। ऐसे में पूरे देश को इस ऐतिहासिक फैसले का इंतज़ार है। इस बीच कोर्ट का फैसला आने से पहले रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास (Acharya Satyendra Das) और मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी (Iqbal Ansari) ने बड़ा बयान दिया है।

नई दिल्ली। बाबरी विध्वंस मामले (Babri Demolition Case) में कल यानी 30 सितंबर को कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी। ऐसे में पूरे देश को इस ऐतिहासिक फैसले का इंतज़ार है। इस बीच कोर्ट का फैसला आने से पहले रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास (Acharya Satyendra Das) और मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी (Iqbal Ansari) ने बड़ा बयान दिया है। फैसले से पहले ही रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास और मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने अदालत से सभी आरोपियों को बरी करने की अपील की है। बता दें कि बाबरी विध्वंस केस में 28 साल बाद लखनऊ की विशेष सीबीआई अदालत (CBI Court) 30 सितंबर को अपना फैसला सुनाएगी

babri masjid

आचार्य सत्येंद्र दास ने बाबरी विध्वंस केस पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट में यह सिद्ध नहीं हो पाया कि वहां (राम जन्मभूमि) पर बाबरी मस्जिद थी। इसलिए राम जन्मभूमि (Ram Janmabhoomi) के पक्ष में फैसला आया। ऐसी स्थिति में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में दोषी बनाए गए सभी आरोपियों को बाइज्जत बरी कर देना चाहिए।

वहीं बाबरी मस्जिद मामले के पक्षकार एवं प्रमुख मुद्दई इकबाल अंसारी ने एक बार फिर कोर्ट से अपील की है कि बाबरी मस्जिद विध्वंस समेत मंदिर-मस्जिद से जुड़े सभी मुकदमों को समाप्त कर दिया जाए।अंसारी ने कहा कि हम हिंदू- मुसलमानों के बीच कोई विवाद देखना नहीं चाहते है। हम चाहते हैं कि अगर हमारे देश में हिंदू-मुसलमान का विवाद नहीं रहेगा, तो भारत का दुनिया में सबसे ऊपर नाम लिखा जाएगा।

iqbal-ansari

इकबाल अंसारी ने आगे ये भी कहा कि कुछ ऐसे नेता हैं जो मंदिर-मस्जिद और हिंदू-मुसलमान की बात करके आपसी विवाद भड़काते हैं। अंसारी ने कहा कि जैसे सभी देवी-देवता अयोध्या में रहते हैं वैसे ही हिंदू-मुसलमानों को एक साथ सौहार्द से रहना चाहिए। इसीलिए कोर्ट से बार-बार मांग है कि अयोध्या के मंदिर-मस्जिद से जुड़े सारे मुकदमों को समाप्त कर दिया जाए।