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राम मंदिर ट्रस्ट ने भवन निर्माण का नक्शा पास कराने के लिए प्रक्रिया की शुरू…जानें कितना लगेगा शुल्क

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) 5 अगस्त को राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल हुए थे। उन्होंने राम मंदिर की आधारशिला रखी थी।  

नई दिल्ली। दिल्ली (Delhi) में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra) और मंदिर निर्माण समिति की बैठक के बाद अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर निर्माण की औपचारिकताएं तेज हो गई है। ट्रस्ट 15 से 20 दिन के भीतर 70 एकड़ क्षेत्र का अयोध्या प्राधिकरण से नक्शा पास कराने की प्रक्रिया में जुट गया है। इस दौरान एलएंडटी के इंजीनियर मंदिर स्थल की जमीन और नींव के लिए तकनीकी परीक्षण करने के साथ मंदिर का नक्शा भी फाइनल कर लेंगे। वहीं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) के मंत्रालय के सचिव ने मंदिर निर्माण के लिए तांबे की 8 पट्टियां भेजी हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) 5 अगस्त को राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल हुए थे। उन्होंने राम मंदिर की आधारशिला रखी थी।

Ayodhya Bhumi Poojan

ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि, नक्शा पास करवाने के साथ उड्डयन, फायर, पर्यावरण सहित कई विभागों से एनओसी लेनी पड़ती है। इसको हासिल करने को लेकर कार्रवाई चल रही है। नक्शा पास कराने में करीब 2 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

Ayodhya ram

निर्धारित आकार की तांबे की पट्टियों का ट्रस्ट कार्यालय पहुंचना शुरू हो गया है। ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने बताया कि 8 पट्टियों की पहली खेप रविवार को पहुंची। यह खेप तांबे के दान के औपचारिक श्रीगणेश करने के लिए भेजी गई है। देश के कई प्रांतों से जनप्रतिनिधियों, व्यवसायियों और आम लोगों के फोन तांबे की छड़ें भेजने के लिए आ रहे हैं। हालांकि, लोगों को ऐसा करने से रोका जा रहा है, क्योंकि इसकी जरूरत करीब 4 महीने के बाद पड़ेगी।

ram mandir New model picture

बता दें कि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने पत्थरों को जोड़ने के लिए करीब 10 हजार तांबे की छड़ों के दान करने के लिए अपील की थी। लेकिन जिस तरह से लोगों में तांबे की छड़ों को भेजने का उत्साह दिख रहा है। उससे यही लगता है, इससे कहीं ज्यादा तांबा बहुत जल्द पहुंच जाएगा।