नई दिल्ली। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले और इस्कॉन के चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की गिरफ्तारी का राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) ने भी विरोध किया है। संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को अन्यायपूर्ण बताते हुए तुरंत उनकी रिहाई की मांग की है। साथ ही उन्होंने हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर भी तत्काल रोक लगाने का बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से आह्वान किया है। संघ ने भारत सरकार और अन्य वैश्चिक संस्थाओं से भी बांग्लादेश के पीड़ितों के लिए आवाज उठाने और विश्वशांति के लिए हर संभव प्रयास करने की बात कही है।
<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”en” dir=”ltr”>Dattatreya Hosabale, General Secretary of Rashtriya Swayamsevak Sangh issued a statement condemning atrocities against Hindus in Bangladesh and demanding the release of ISKCON monk Chinmoy Krishna Das <a href=”https://t.co/Y0fiavWVSl”>pic.twitter.com/Y0fiavWVSl</a></p>— IANS (@ians_india) <a href=”https://twitter.com/ians_india/status/1862778247005516264?ref_src=twsrc%5Etfw”>November 30, 2024</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>
दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं तथा सभी अल्पसंख्यकों पर इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा हमले, हत्या, लूट, आगजनी तथा महिलाओं पर हो रहे अमानवीय अत्याचार अत्यंत चिंताजनक हैं। आरएसएस इस कृत्य की भर्त्सना करता है। बांग्लादेश सरकार इन अत्याचारों को रोकने की जगह मूकदर्शक बनी हुई है। विवश होकर हिंदुओं को अपनी रक्षा के लिए आवाज उठानी पड़ रही है और उल्टा उसे ही दबाने के लिए अन्याय और अत्याचार का नया दौर उभरता दिख रहा है। ऐसे ही शांति पूर्ण प्रदर्शनों में हिंदुओं का नेतृत्व कर रहे इस्कॉन के संन्यासी चिन्मय कृष्ण दास को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार द्वारा जेल भेजना अन्यायपूर्ण कार्रवाई है। संघ का बांग्लादेश सरकार से आह्वान है कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को बंद किया जाए और चिन्मय कृष्ण दास की तत्काल जेल से रिहाई हो।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की तरफ से भारत सरकार से भी आग्रह किया गया कि वो बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के अपने प्रयासों को इसी तरह जारी रखे। इतना ही नहीं वैश्विक समुदाय से भी इस गंभीर विषय पर समर्थन इकट्ठा करे। संघ का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब आज ही बांग्लादेश में तीन मंदिरों को फिर से नुकसान पहुंचाया गया है।