
नई दिल्ली। असम के होटलों में अब बांग्लादेश के नागरिकों को एंट्री नहीं मिलेगी। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों और अत्याचार के विरोध में असम की बराक घाटी के होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन की तरफ से यह फैसला किया गया है। बराक घाटी में बांग्लादेश के सिलहट क्षेत्र से लगा हुआ दोनों देशों का लगभग 129 किलोमीटर का बॉर्डर है। होटल मालिकों का कहना है कि जब तक बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर अत्याचार बंद नहीं होता उन्हें हमारे होटलों में किसी भी तरह की कोई सेवा मुहैया नहीं कराई जाएगी।
बराक घाटी होटल और रेस्तरां एसोसिएशन के अध्यक्ष बाबुल राय ने कहा कि बांग्लादेश सरकार को वहां रहने वाले हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। जब तक इस पर अमल नहीं होगा हमारा विरोध जारी रहेगा भले ही इसके लिए हमें कितना ही नुकसान उठाना पड़े। आपको बता दें कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले के विरोध में भारत में भी जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं। भारत सरकार भी बांग्लादेश से हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आह्वान कर चुकी है। भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री भी दो दिन बाद 9 दिसंबर को बांग्लादेश जाने वाले हैं। वहां वो अपने बांग्लादेश समकक्ष के साथ बैठक में हिस्सा लेंगे।
माना जा रहा है कि इस बैठक के सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार हिंदुओं के पक्ष में खड़ी होगी। इससे पहले कल ही बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने कहा कि हिंदुओं पर हमलों को लेकर दुष्प्रचार फैलाया जा रहा है। इसके बाद उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय के धर्मगुरुओं के साथ बैठक की। इस बैठक में कुछ मुस्लिम धर्मगुरु भी मौजूद रहे। मोहम्मद यूनुस ने कहा कि हमारे विचार और धर्म भले ही अलग हों, लेकिन हम एक-दूसरे के दुश्मन नहीं हैं। हम सभी बांग्लादेशी हैं और एक परिवार के सदस्य हैं।