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UP: अखिलेश से बिफरे भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ने उतारे 33 कैंडिडेट, कहा- सपा अब 100 सीट भी दे तो भी नहीं करूंगा गठबंधन

UP Election 2022: उन्होंने कहा कि छोटे दलों से गठबंधन की बात अभी चल रही है। चंद्रशेखर ने हालांकि ये एलान किया कि स्वामी प्रसाद मौर्य जहां से चुनाव लड़ेंगे, वहां से अपनी पार्टी का प्रत्याशी वो नहीं उतारेंगे। चंद्रशेखर ने सपा पर फिर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया और कहा कि अगर अब अखिलेश यादव 100 सीट भी देने की बात करें, तो सपा के साथ आजाद समाज पार्टी का गठजोड़ किसी कीमत पर नहीं करूंगा।

ग्रेटर नोएडा। भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर ने यूपी विधानसभा चुनाव के पहले दौर की 58 में से 33 सीटों पर अपनी आजाद समाज पार्टी के उम्मीदवार उतारने का एलान कर दिया है। चंद्रशेखर पहले विधानसभा चुनाव में सपा से गठजोड़ करना चाहते थे, लेकिन सपा उन्हें सिर्फ 3 सीट दे रही थी। जिसके बाद चंद्रशेखर ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर खुद की और बहुजन समाज की बेइज्जती का आरोप लगाते हुए गठबंधन न करने का एलान किया था। आज चंद्रशेखर ने मीडिया को बताया कि उनकी पार्टी कांग्रेस से भी गठजोड़ नहीं करेगी। बीएसपी की मुखिया मायावती से उनका छत्तीस का आंकड़ा पहले से ही जगजाहिर है। चंद्रशेखर ने मीडिया के सवालों के जवाब में कहा कि सपा से मेरी 25 सीटों के लिए बात हुई थी। मुझे भरोसा दिलाया गया था कि इतनी सीटें दी जाएंगी, लेकिन मेरे साथ धोखा हुआ।

chandrashekhar ravan

उन्होंने कहा कि छोटे दलों से गठबंधन की बात अभी चल रही है। चंद्रशेखर ने हालांकि ये एलान किया कि स्वामी प्रसाद मौर्य जहां से चुनाव लड़ेंगे, वहां से अपनी पार्टी का प्रत्याशी वो नहीं उतारेंगे। चंद्रशेखर ने सपा पर फिर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया और कहा कि अगर अब अखिलेश यादव 100 सीट भी देने की बात करें, तो सपा के साथ आजाद समाज पार्टी का गठजोड़ किसी कीमत पर नहीं करूंगा।

33 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करने पर पूछे गए सवालों के जवाब में चंद्रशेखर ने कहा कि ये वो सीटें हैं, जिनकी हम मांग कर रहे थे और हमसे वादे के बाद भी छल किया गया। बता दें कि चंद्रशेखर को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से बातचीत कराने में सुभासपा अध्यक्ष और सपा के सहयोगी बने ओमप्रकाश राजभर की बड़ी भूमिका थी।

Chandrashekhar

इससे पहले ओमप्रकाश राजभर ने चंद्रशेखर के साथ एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी से भी कई राउंड मुलाकात की थी। ओवैसी से सुभासपा और चंद्रशेखर के गठजोड़ करने के बारे में कयास भी लगने लगे थे, लेकिन वहां मामला न बनने के बाद राजभर और चंद्रशेखर ने सपा का रुख किया था। जब चंद्रशेखर को मनमाफिक सीटें देने से अखिलेश यादव ने मना कर दिया, तो उन्होंने अखिलेश पर दलित विरोधी होने का आरोप और खुद का अपमान करने का आरोप लगाया था।