Wheat Export Ban: जानें, क्यों केंद्र सरकार ने गेहूं के निर्यात पर लगाई रोक, ये है वजह
Wheat Export Ban: गौरतलब है कि रुस और यूक्रेन युद्ध के बीच पुरी दुनिया में गेंहू की कीमतों पर जोरदार इजाफा हुआ है। ऐसे में भारत की भूमिका भी अहम हो जाती है। लेकिन भारत के घरेलू बाजारों में भी इसकी कीमत बड़ने से सरकार को गेहूं के निर्यात पर बेन लगाने जैसा कदम उठाना पड़ा।
नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन के युद्ध का असर पूरी दुनिया में किसी ना किसी रुप में पड़ता हुआ दिख रहा है। इसके असर से हिंदुस्तान भी अछूता नहीं है। भारत में भी लगातार रोजमर्रा में प्रयोग होने वाली चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं। इसी कड़ी में गेहूं के दाम भी दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे थे। इसके मद्देनजर केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी है। शनिवार को केंद्र सरकार ने फैसला लेते हुए गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से बैन लगाने के साथ ही इसको प्रतिबंधित श्रेणी में भी रखा है। इस कदम के लिए सरकार की तरफ से दलील दी गई है कि देश की खाद्द सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए यह कदम उठाया गया है और पड़ोसी देशों व गरीब देशों के समर्थन के लिए ऐसा करना जरूरी था, लेकिन जिन देशों को पहले ही गेहूं के निर्यात की अनुमति दी जा चुकी है, उनके लिए निर्यात जारी रहेगा। ऐसा भी सरकार की तरफ से कहा गया है।
अप्रैल में रिकार्ड स्तर पर गेहूं निर्यात
गौरतलब है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच पूरी दुनिया में गेंहू की कीमतों में जोरदार इजाफा हुआ है। ऐसे में भारत की भूमिका भी अहम हो जाती है, लेकिन भारत के घरेलू बाजारों में भी इसकी कीमत बढ़ने से सरकार को गेहूं के निर्यात पर बैन लगाने जैसा कदम उठाना पड़ा है। जानकारी के लिए बता दें कि भारत दुनिया में गेंहू का निर्यात करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश है। इसी कड़ी में भारत ने बीते अप्रैल के महीने में रिकॉर्ड 14 लाख टन का निर्यात किया है।
बता दें कि इसी कड़ी में विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा बीते 13 मई को जारी की गई अधिसूचना में कहा गया था कि उक्त तारीख या उससे पहले जिस खेप के लिए अपरिवर्तनीय ऋण पत्र (एलओसी) जारी किए गए हैं, उसके निर्यात की अनुमति होगी।