newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Dattatreya Hosabale: DNA सबका एक ही है, अब चाहे वो हिंदू हो या… RSS सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले का बड़ा बयान

Dattatreya Hosabale: बहुधा राजनीतिक गलियारों में इस बात को लेकर चर्चाओं का बाजार गुलजार रहता है कि आखिर आरएसएस की राजनीतिक विचाराधारा क्या है। क्या आरएसएस एक दक्षिणपंथी विचारधारा वाला संगठन है या वामपंथी या एक हिंदूवादी विचारधारा वाला संगठन है।

नई दिल्ली। आरएसएस आखिर है क्या? क्या यह एक हिंदूवादी संगठन है, जो मात्र हिंदुओं के हितों के लिए काम करती है और मुस्लिमों के हित पर कुठाराघात करती है, जैसा कि आलोचकों द्वारा आरोप लगाए जाते हैं। हालांकि, आरएसएस से जुड़े लोग कई बार सामने आकर अपना रुख स्पष्ट कर चुके हैं कि वे समग्र विकास की दिशा में काम करते हैं, उनका ध्येय मात्र हिंदुओं का हित नहीं, बल्कि समग्र विकास को धार देना है, लेकिन कई बार सफाई दिए जाने के बावजूद भी विरोधियों को इस संगठन पर विश्वास नहीं होता है। आज इसी बीच इन्हीं सभी विषयों पर विस्तार से आरएसएस के सरकार्यवाह ने अपनी राय साझा की है। आइए, आगे विस्तार से जानते हैं कि उन्होंने क्या कुछ कहा।

RSS की राजनीतिक विचाराधारा क्या है?

बहुधा राजनीतिक गलियारों में इस बात को लेकर चर्चाओं का बाजार गुलजार रहता है कि आखिर आरएसएस की राजनीतिक विचाराधारा क्या है। क्या आरएसएस एक दक्षिणपंथी विचारधारा वाला संगठन है या वामपंथी या एक हिंदूवादी विचारधारा वाला संगठन है। आलोचकों का कहना है कि यह संगठन एक हिंदूवादी संगठन है, जो महज हिंदुओं के हित की दिशा में ही काम करता है, लेकिन बिरला सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करने के क्रम में दत्तोत्रय होसबाले ने स्पष्ट कर दिया है कि आरएसएस ना ही हिंदूवादी, ना दक्षिणपंथी, ना वामपंथी, बल्कि एक राष्ट्रवादी संगठन है। बता दें कि इस कार्यक्रम में बीजेपी नेत्री व राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुधरा राजे, भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अध्यक्ष डॉ. महेश चन्द्र शर्मा, अशोक परनामी और प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया भी मौजूद थे। सभी ने दत्तोत्रय होसवाले के विचारों से अपनी सहमति जताई।

सबका डीएनए एक ही है

दत्तोत्रस होसवाले ने आगे कहा कि भारत में पैदा होने वाला हर शख्स हिंदू है, चाहे वर्तमान में उनकी पूजा पद्धति चाहे कुछ भी हो। लेकिन उनके पूर्वज हिंदू थे, लिहाजा वर्तमान में वो भी हिंदू ही कहलाएंगे। इसके अलावा उन्होंने कहा कि बेशक भारत में विभिन्न प्रकार के धर्मों के लोग निवास करते हों और उनकी पूजा पद्धति में विभिन्नताएं हों, लेकिन उनका डीएनए एक ही है। भारत सभी को अपना परिवार मानता है। हम समस्त विश्व को अपना परिवार मानते हैं। उन्होंने आगे कहा कि जैसा कि वर्तमान में बताया जाता है कि संघ एक कठोर संगठन है, लेकिन ऐसा नहीं है, संघ कठोर नहीं है, बस उसे समझने वालों की कमी है और मुझे पूरा विश्वास है कि आगामी दिनों में उसे समझने वाले लोगों में इजाफा दर्ज किया जाएगा। बहरहाल, अब आगामी दिनों में आरएसएस दत्तोत्रय होसबाले के उक्त बयान पर राजनीतिक गलियारों से क्या कुछ प्रतिक्रियाएं सामने आती हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।