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Chhattisgarh: बड़ी सफलता, नक्सलियों ने अगुवा किए गए कोबरा जवान राकेश्वर सिंह को छोड़ा

Chhattisgarh: सूचना मिल रही है कि नक्सलियों ने सीआरपीएफ के कोबरा जवान को 6 दिनों के बाद नक्सलियों ने अपने चंगुल से आजाद कर दिया है। राकेश्वर सिंह 3 अप्रैल से ही लापता थे। इसी दिन सुकमा में नक्सलियों ने सीआरपीएफ की पैट्रोलिंग टीम पर हमला किया था और राकेश्वर सिंह को अगुवा कर अपने साथ ले गए थे।

नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के सुकमा में सीआरपीएफ की बटालियन पर हुए नक्सली हमले में जहां 23 जवान शहीद हो गए थे। वहीं नक्सलियों ने एक कोबरा जवान राकेश्वर सिंह को अपने कब्जे में ले लिया था। जिनकी सलामती के लिए पूरा देश दुआएं मांग रहा था। इसको लेकर नक्सलियों ने पहले राकेश्वर सिंह की सलामती की बात कही थी। उनकी तरफ से कोबरा जवान की तस्वीर जारी की गई थी। जबकि राकेश्वर सिंह का परिवार सरकार से इस बात की मांग कर रहा था कि उनकी सही सलामत वापसी के लिए सरकार की तरफ से प्रयास किया जाए। इसके लिए सरकार की तरफ से नक्सलियों से बातचीत और संपर्क के लिए स्थानीय पत्रकारों की एक टीम जंगल में भेजी गई थी।

chattishgarh crpf

अब सूचना मिल रही है कि नक्सलियों ने सीआरपीएफ के कोबरा जवान को 6 दिनों के बाद नक्सलियों ने अपने चंगुल से आजाद कर दिया है। राकेश्वर सिंह 3 अप्रैल से ही लापता थे। इसी दिन सुकमा में नक्सलियों ने सीआरपीएफ की पैट्रोलिंग टीम पर हमला किया था और राकेश्वर सिंह को अगुवा कर अपने साथ ले गए थे। अब खबर आ रही है कि राकेश्वर सिंह जंगल के रास्ते वापस लाए जा रहे हैं और उनके साथ नक्सलियों से बात करने गए स्थानीय पत्रकारों की टीम भी है।

Rakeshwar Singh Manhas

राकेश्वर सिंह के वापस आने के बाद उनकी पहले मेडिकल जांच होगी। इसके लिए एक पूरी टीम मौके पर पहुंच गई है। इसके बाद ही राकेश्वर सिंह को घर जाने की इजाजत होगी। राकेश्वर सिंह बीजापुर पहुंच गए हैं। राकेश्वर सिंह का परिवार इस खुशखबरी के मिलने के बाद सरकार और मीडिया का धन्यवाद कर रहे हैं।


नक्सलियों ने जारी की थी CRPF जवान राकेश्वर सिंह की तस्वीर, कहा- ‘कमांडो पूरी तरह सुरक्षित है’

छत्तीसगढ़ में 3 अप्रैल को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुए मुठभेड़ में 22 जवान शहीद हो गए थे। इस घटना में नक्सलियों ने CRPF के कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह मन्हास को अगवा किया था। इसको लेकर परिवार वाले सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि राकेश्वर सिंह की रिहाई के लिए तत्काल प्रभाव से रिहा करवाया जाय। बता दें कि 3 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के बीजापुर में CRPF के जवानों और नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हुई थी। जिसमें 22 जवान शहीद हो गए थे और नक्सलियों ने CRPF के कमांडों को अगवा कर लिया था। जवान को रिहा करने को लेकर नक्सलियों ने अपनी तरफ से संदेश भेजा है कि कमांडो पूरी तरह सुरक्षित है। नक्सलियों ने आज कमांडो राजेश सिंह मन्हास की एक तस्वीर भी जारी की है, जिसमें राजेश सिंह मन्हास एक झोपड़ी में बैठे नजर आ रहे हैं जोकि ताड़ के पत्तों से बनी हुई है।

Naxal Attack

गौरतलब है कि जिस तस्वीर को नक्सलियों की तरफ से जारी की गई है, उसको लेकर CRPF ने भी पुष्टि कर दी है। अच्छी बात यह है कि इस तस्वीर में राकेश्वर सिंह पूरी तरह से स्वस्थ दिख रहे हैं। बता दें कि नक्सलियों ने कुछ ही समय पहले यह तस्वीर जारी की है।

वहीं राकेश्वर सिंह की रिहाई की मांग को लेकर जवान के परिवार ने जम्मू में भी प्रदर्शन किया गया। उनका पूरा परिवार बड़ी संख्या में युवाओं के साथ जम्मू-अखनूर हाईवे पर बैठ गया। बता दें कि छत्तीसगढ़ में माओवादियों ने कल जारी किए गए अपने बयान में कहा कि शनिवार को सुकमा और बीजापुर के सीमावर्ती क्षेत्र में मुठभेड़ के बाद से लापता सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन का एक जवान उनके कब्जे में है और उन्होंने जवान की रिहाई के लिए सरकार से मध्यस्थ नियुक्त करने की मांग की है।

Naxal Chhattisgarh

वहीं मुठभेड़ की घटना को लेकर नक्सलियों ने माना है कि, सुरक्षाबलों द्वारा उनके चार साथी भी मारे गए हैं। मंगलवार को माओवादियों ने एक बयान जारी कर कहा कि सुरक्षा बल के दो हजार जवान 3 अप्रैल को हमला करने जीरागुडेम गांव के पास पहुंचे थे, इसे रोकने के लिए PLGA ने जवाबी हमला किया। माओवादियों ने बयान में कहा है कि हमने एक जवान को बंदी बनाया है। उन्होंने कहा है कि सरकार पहले मध्यस्थों के नाम की घोषणा करे इसके बाद बंदी जवान को सौंप दिया जाएगा, तब तक वह जनताना सरकार की सुरक्षा में रहेगा।

माओवादियों ने इस बात को माना है कि इस मुठभेड़ में उनके चार साथी ओड़ी सन्नी, पदाम लखमा, कोवासी बदरू और नूपा सुरेश मारे गए हैं।