नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए बिहार में महागठबंधन में जैसे-तैसे तालमेल बिठाकर सीटों का बंटवारा तो कर लिया लेकिन महागठबंधन की सहयोगी एक दल ने महागठबंधन से ही किनारा कर लिया। दरअसल सीट बंटवारे के तहत लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के हिस्से में 144 सीटें आई हैं। अब इन्हीं 114 सीटों में राजद को झारखंड मुक्ति मोर्चा और VIP पार्टी को सीटें देनी है। सीटें कितनी देनी है, इसको लेकर किसी तरह का कोई ऐलान नहीं हुआ है। इसी बात से नाराज होकर VIP पार्टी के नेता मुकेश साहनी ने महागठबंधन से अलग जाने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि वीआईपी के हिस्से की सीटों का ऐलान नहीं किया गया है, ऐसे करके पीठ में खंजर भोंकने का काम किया गया है। बता दें कि महागठबंधन में सबसे अधिक सीटें RJD के हिस्से में आई हैं। वहीं दूसरे नंबर पर कांग्रेस हैं। बता दें कि इस बार कांग्रेस को 70 सीटें चुनाव लड़ने के लिए मिली हैं।
इसके अलावा कांग्रेस को वाल्मीकिनगर की लोकसभा सीट भी दी गई है, जहां पर उपचुनाव होना है। महागठबंधन का हिस्सा सीपीआई को 6, सीपीएम को 4 और भाकपा (माले) के हिस्से में 19 सीटें आई हैं। वहीं सीटों को लेकर महागठबंधन से बाहर जाने की कभी बात करने वाली कांग्रेस अब राजद को महागठबंधन में बड़ा भाई बता रही है। सीट बंटवारे के बाद कांग्रेस नेता अविनाश पांडे ने कहा कि महागठबंधन में राजद बड़ा भाई है और तेजस्वी इस महागठबंधन का नेतृत्व करेंगे। राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि सभी दलों ने मेरे नेतृत्व में जो विश्वास जताया है उस पर मैं खड़ा उतरूंगा। उन्होंने कहा कि हम ठेठ बिहारी हैं, जो वादा करते हैं उसे पूरा करते हैं। हमारा डीएनए भी बहुत शुद्ध है।
तेजस्वी ने कहा कि महागठबंधन का नेतृत्व कौन करेगा इसको लेकर सबलोग काफी चर्चा कर रहे थे। मीडिया के लोग भी काफी कयास लगाते रहते थे तो आज आपलोगों को जवाब मिल गया होगा। हमलोग सत्ता में आए तो पहली कैबिनेट की मीटिंग में पहले हस्ताक्षर से 10 लाख रोजगार देंगें। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को एडजस्ट नहीं किया जा सका है उनको बिहार को बचाने के लिये छोटी कुर्बानी देनी पड़ेगी।