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बिहार में चीनी कंपनियों को झटका! केंद्र सरकार ने छीना ड्रैगन से मेगा प्रॉजेक्ट

पुल का टेंडर रद्द किए जाने की पुष्टि बिहार सरकार में सड़क निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने भी की। उन्होंने कहा कि प्रॉजेक्ट के लिए चुने गए चार कॉन्ट्रैक्टर में से दो के पार्टनर चाइनीज थे।

नई दिल्ली। सीमा विवाद के बाद से ड्रैगन को सबक सिखाने के लिए भारत ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। चीन को सबक सिखाने के लिए मोदी सरकार एक के बाद एक बड़े झटके देते जा रही है। इसी क्रम में केंद्र सरकार ने चीन को बड़ा झटका दिया है। बॉयकॉट चीन मुहिम को आगे बढ़ाते हुए बिहार में गंगा नदी पर बनने वाले एक मेगा ब्रिज परियोजना के टेंडर को रद्द कर दिया है क्योंकि इसमें चीनी कंपनियां शामिल हैं। इस बात की जानकारी एक अधिकारी ने दी। बता दें, चीन ने पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में 15 जून को भारतीय सैनिकों पर धोखे से हमला कर दिया था। जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे।

इस मेगा ब्रिज का निर्माण पटना में गंगा नदी पर महात्मा गांधी सेतु के पास में होना था। पुल का टेंडर रद्द किए जाने की पुष्टि बिहार सरकार में सड़क निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने भी की। उन्होंने कहा कि प्रॉजेक्ट के लिए चुने गए चार कॉन्ट्रैक्टर में से दो के पार्टनर चाइनीज थे।

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नंद किशोर यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘महात्मा गांधी सेतु के साथ बनने जा रहे नए पुल के लिए चुने गए 4 कॉन्ट्रैक्टर्स में से दो के पार्टनर चाइनीज थे। हमने उन्हें पार्टनर बदलने को कहा, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। इसलिए हमने टेंटर को रद्द कर दिया है। हमने पुल के निर्माण के लिए दोबारा आवेदन मंगवाए हैं।’

वहीं अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि संपूर्ण परियोजना की पूंजी लागत, जिसमें 5.6 किलोमीटर लंबा पुल, अन्य छोटे पुल, अंडरपास और एक रेल ओवरब्रिज शामिल हैं, अनुमानित रूप से 2,900 करोड़ रुपये से अधिक थी। इस परियोजना को रद्द करने का निर्णय 15 जून को पूर्वी लद्दाख की गैलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में 20 भारतीय सैनिकों की हत्या की पृष्ठभूमि में आया था।