भाजपा अध्यक्ष का ममता पर वार, कहा- बकरीद पर लॉकडाउन हटाया, जबकि राम मंदिर शिलान्यास के दिन…
गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP President JP Nadda) ने पश्चिम बंगाल (West Bengal) की ममता बनर्जी सरकार (Mamata Banerjee Govt) पर जोरदार निशाना साधा।
नई दिल्ली। गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP President JP Nadda) ने पश्चिम बंगाल (West Bengal) की ममता बनर्जी सरकार (Mamata Banerjee Govt) पर जोरदार निशाना साधा। भाजपा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हिंदू विरोधी मानसिकता के साथ काम करने का आरोप लगाया। कहा कि वह बकरीद के दिन लॉकडाउन (Lockdown) हटा लेतीं हैं, जबकि राम मंदिर (Ram Mandir) के शिलान्यास के दिन 5 अगस्त को लॉकडाउन लगा देतीं हैं।
जेपी नड्डा ने पश्चिम बंगाल प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में कहा, 5 अगस्त को राम मंदिर का भूमि पूजन हुआ। लेकिन दुख के साथ कहना पड़ता है कि उसी दिन ममता दीदी ने पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन लगा दिया। करोड़ों लोगों की इच्छाओं को कुचलने का काम किया। ये अलग बात है कि 31 जुलाई को बकरीद में लॉकडाउन हटा लिया गया था।
उन्होंने कहा कि ये सरासर वोटबैंक और तुष्टीकरण की राजनीति है। पश्चिम बंगाल में एंटी हिंदू माइंडसेट खड़ा किया जा रहा है। नड्डा ने पश्चिम बंगाल प्रदेश कार्यसमिति के सदस्यों से ममता बनर्जी की तुष्टीकरण और वोटबैंक की राजनीति को जनता के सामने बेनकाब करने के लिए कहा। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, बीते दिनों स्वच्छ भारत मिशन की रैंकिंग में जो सबसे दूषित शहरों के नाम आए उसमें 8 बंगाल के हैं। ममता दीदी हर बात में कहती हैं कि ये काम नहीं हो सकता। मैं कहता हूं कि बंगाल में विकास के लिए सब कुछ होगा।
बंगाल में मारे गए सौ कार्यकर्ता, चुनाव में TMC को हराएंगे: नड्डा
जेपी नड्डा ने पश्चिम बंगाल के आगामी विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की सरकार को उखाड़ फेंकने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि पश्चिम बंगाल में कमल खिलकर रहेगा। टीएमसी को भाजपा हराएगी। जनता कमल को आशीर्वाद देने के लिए तैयार है। पश्चिम बंगाल की तस्वीर और तकदीर दोनों बदलेगी। नड्डा ने सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस सरकार पर हिंसा करने का भीआरोप लगाया। नड्डा ने कहा, पश्चिम बंगाल में 100 से ज्यादा भाजपा कार्यकर्ता मारे गए हैं। हमने उनका तर्पण किया है। ये जंगल राज नहीं तो क्या है? लेकिन दिल्ली में बैठे डेमोक्रेसी के चैंपियंस की इस पर आवाज तक नहीं निकलती।