नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में चुनावी बिगुल बजने के साथ ही सियासी पारा भी तेज हो गया है। राज्य में चुनाव शुरू होने में अब कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। सभी दल सूबे में जीत हासिल करने के लिए बड़ी-बड़ी घोषणा कर रही है। साथ ही योगी सरकार को घेरने के लिए तमाम दल एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। एक तरफ जहां कांग्रेस पार्टी ने आज यूपी चुनाव के लिए अपना मेनिफेस्टो जारी कर दिया है। वहीं इसी बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने यूपी चुनाव को लेकर अपने उम्मीदवारों की तीसरी सूची जारी कर दी है। इस सूची में 85 उम्मीदवारों के नाम दर्ज हैं। इससे पहले बीजेपी की पहली सूची में 107 उम्मीदवारों के नाम दर्ज थे। पहले चरण में 58 सीटों पर चुनाव होने हैं, इनमें से 57 सीटों पर पार्टी ने उम्मीदवारों का ऐलान किया।
BJP releases its second list of candidates for the upcoming #UttarPradeshElections
Aditi Singh, who recently quit Congress to join BJP, to contest from Rae Bareli (1/2) pic.twitter.com/xQE51vy6v2
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 21, 2022
वहीं, दूसरे चरण की 55 सीटों में से 48 पर बीजेपी ने उम्मीदवार उतारे हैं। पार्टी ने 107 में से 21 नए चेहरों पर दांव लगाया है और 63 मौजूदा विधायकों पर फिर से विश्वास जताया है। इसके अलावा पार्टी ने जहां एक ओर कांग्रेस, सपा और बसपा से आने वाले कई नेताओं को टिकट दिया है, वहीं हाथरस समेत कई अन्य सीटों पर अपने कई वर्तमान विधायकों का टिकट भी काट दिया है। चौथी सूची में भाजपा ने 15 महिलाओं को भी टिकट दिया है।
खास बात ये है कि इस लिस्ट में कांग्रेस की बागी अदिति सिंह को भी चुनावी अखाड़े में उतारा है। बता दें कि बीजेपी ने अदिति सिंह को सोनिया गांधी का गढ़ माने जाने वाले रायबरेली से चुनावी मैदान में उतारा है। इसके अलावा हाल ही में पुलिस की नौकरी से वीआरएस लेकर आए चर्चित असीम अरुण को भी पार्टी ने कन्नौज सीट से चुनावी मैदान में उतारा है। इसके साथ ही पार्टी ने मुलायम सिंह यादव के समधी हरिओम यादव को सिरसागंज से, सपा से आने वाले नितिन अग्रवाल को हरदोई से, बसपा छोड़कर आने वाले रामवीर उपाध्याय को सादाबाद से अपना उम्मीदवार बनाया है।
बता दें कि आगामी 10 फरवरी से सात चरणों में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। जिसमें कई प्रत्याशी अपना भाग्य आजमाने जा रहे हैं। चुनावी नतीजों की घोषणा आगामी 10 मार्च को होने जा रही है। ऐसी स्थिति में किसके हाथ सफलता और किसके हाथ विफलता लगती है। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा। मगर वर्तमान में सूबे के सियासी गलियारों में सियासी सूरमाओं की सक्रियता अपने चरम पर पहुंच चुकी है। अब ऐसी स्थिति में इन सक्रियताओं के परिणाम निकलकर सामने आते हैं। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा।