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Uttarakhand: उत्तराखंड में कांग्रेस का बिगड़ा खेल, महिला प्रदेश अध्यक्ष सरिता आर्या ने थामा BJP का दामन

Uttarakhand :उन्होंने यहां तक कहने से भी गुरेज नहीं किया प्रदेश में कांग्रेस की तरफ से महिलाओं को सशक्त करने की दिशा में की जा रही कोशिशों की करनी और कथनी में जमीन आसमान सरीखा फर्क है। उन्होंने कहा कि, उत्तराखंड में 20 फीसद टिकट महिलाओं को दिए जाने का प्रावधान है।

नई दिल्ली। बेशक कांग्रेस की तरफ से ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ जैसे नारों के जरिए चुनावी सूबों की जनता को लुभाने की कोशिश जारी हो, लेकिन जमीनी हकीकत यह बयां करने से गुरेज नहीं रही है कि कांग्रेस की ‘करनी और कथनी’ में जमीन आसमान की मानिन्द फर्क है। अब आप इतना सब कुछ पढ़ने के बाद आप सोच रहे होंगे कि आखिर कांग्रेस में ऐसा क्या हो गया कि प्रियंका गांधी द्वारा दिए जा रहे लड़की हूं लड़ सकती हूं जैसे नारों पर सवाल उठाए जा रहे हैं। तो आपको बताते चले कि ये सवाल हम नहीं, बल्कि उत्तराखंड की प्रदेशाध्यक्ष सरिता आर्या ने उठाते हुए बीजेपी का दामना थाम लिया है। उन्होंने कांग्रेस पर महिलाओं को उपेक्षित करने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कांग्रेस द्वारा महिलाओं को सशक्त करने की दिशा में दिए जा रहे शब्दवाणों के प्रहारों की तीक्ष्णता पर सवाल उठाए हैं।

उन्होंने यहां तक कहने से भी गुरेज नहीं किया प्रदेश में कांग्रेस की तरफ से महिलाओं को सशक्त करने की दिशा में की जा रही कोशिशों की करनी और कथनी में जमीन आसमान सरीखा फर्क है। उन्होंने कहा कि, उत्तराखंड में 20 फीसद टिकट महिलाओं को दिए जाने का प्रावधान है, लेकिन पार्टी अपने द्वारा निर्धारित किए इस प्रावधान पर खरी नहीं उतर रही है।


उन्होंने  बीजेपी का दामन थामने के क्रम में कहा कि, सूबे की महिलाएं मुझसे कहती हैं कि आप अपने लिए तो टिकट ले नहीं पा रहीं हैं, तो आप हमें कैसे टिक़ट दिलाएंगी। मुझे यह कहने में कोई गुरेज नहीं हैं कि वे बिल्कुल सही कह रही हैं। कांग्रेस पार्टी आज की तारीख में महज चुनाव में आम जनमानस को लुभाने के लिए ही महिलाओं के संदर्भ में तारीफों के कसीदे पढती है, बल्कि जमीनी हकीकत इन दावों और प्रतिदावों से कोसों दूर हैं, लेकिन इस बीच कांग्रेस ने सरीता आर्या द्वारा पाला बदल देने के संदर्भ में कुछ और ही जानकारी दी है। आइए, आगे इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

congress sarita arya

सरिता आर्या द्वारा बीजेपी का दामना थामने के संदर्भ में कहा कि उन्हें पार्टी की तरफ से आगामी 6 वर्षों के लिए निष्कासित किया गया था। इसके अलावा वे पार्टी की छवि को धुमिल करने की दिशा में कई तरह की बयानबाजी भी करती थी। हालांकि, कई बार उन्हें ऐसा न करने की दिशा में समझाने की कोशिश की गई, लेकिन बेशुमार समझाइश के बावजूद भी उन्होंने पार्टी निर्देशों की अवहेलना करने से बाज नहीं आई, जिसके उपरांत उन्हें विरोध में ऐसा कठोर कदम उठाने के लिए हमें बाध्य होना पड़ा। अब वे यह सभी तोहमतें खन्नस में लगा रही है। खैर, कोई कुछ भी कहे, लेकिन सरिया आर्या का बीजेपी में शामिल होना सियासी चश्मे के दृष्टिकोण कांग्रेस के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है, चूंकि उनका सूबे की अधिकांश महिलाओं पर दबदबा था, जिसका कांग्रेस  को आगामी चुनाव में फायदा मिलने की पूरी संभावना थी। बता दें कि अभी बीते दिनों ही विधानसभा चनाव को देखते हुए कांग्रेस की तरफ से प्रत्याशियों की सूची जारी  की थी, जिसके बाद से कई प्रत्याशियों की नाराजागी सामने आई है।