समाजवादी पार्टी से रामपुर में मिली शिकस्त का ऐसे हिसाब बराबर करेगी BJP
इस सीट पर भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच कड़ी टक्कर हुई थी। अब भाजपा इस सीट पर मिली शिकस्त का हिसाब बराबर राज्यसभा के लिए होने वाले उपचुनाव में करेगी और यूपी विधानसभा में मजबूत संख्या बल के आधार पर पार्टी आसानी से सपा को हरा देगी।
नई दिल्ली। महाराष्ट्र और हरियाणा में हुए विधानसभा चुनाव के साथ ही उत्तर प्रदेश की 11 सीटों पर उपचुनाव हुए थे। जिसमें भाजपा ने एक बार फिर से सभी विपक्षी पार्टियों को धुल चटाया था। लेकिन इस उपचुनाव में जो सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण सीट मानी जा रही थी रामपुर की सीट, जहां से समाजवादी पार्टी के नेता और सांसद आजम खान की पत्नी तजीन फातमा चुनाव चल रही थी। इस सीट पर फातमा को जीत मिली थी।
इस सीट पर भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच कड़ी टक्कर हुई थी। अब भाजपा इस सीट पर मिली शिकस्त का हिसाब बराबर राज्यसभा के लिए होने वाले उपचुनाव में करेगी और यूपी विधानसभा में मजबूत संख्या बल के आधार पर पार्टी आसानी से सपा को हरा देगी।
बता दें निर्वाचन आयोग ने यूपी से राज्यसभा की एक सीट के लिए चुनाव कार्यक्रम का ऐलान कर दिया है। ये सीट समाजवादी पार्टी की सदस्य और सांसद आजम खान की पत्नी तजीन फातमा के इस्तीफे के बाद खाली हुई है। तजीन फातमा हाल में हुए यूपी विधानसभा उपचुनपाव में रामपुर से विधायक बनी हैं।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी, उत्तर प्रदेश द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार 25 नवंबर को अधिसूचना जारी होगी। वहीं 2 दिसंबर को नामांकन की अंतिम तिथि रखी गई है। इसके अगले दिन यानी 3 दिसंबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 5 दिसंबर तक प्रत्याशी अपना नामांकन वापस ले सकेंगे। इसके बाद 12 दिसंबर को मतदान होगा, जो सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक चलेगा। 12 दिसंबर को ही शाम 5 बजे से मतगणना शुरू हो जाएगी और परिणाम का ऐलान होगा।
रामपुर थी सबसे ज्यादा चर्चित सीट
बता दें उत्तर प्रदेश में विधानसभा उप चुनाव में 11 में सर्वाधिक चर्चित सीट रामपुर ही थी। भाजपा ने यहां पर ताकत झोंक दी थी। उधर पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान को भू-माफिया घोषित किया गया, यही नहीं वह अभी भी 84 मुकदमों से राहत पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन आजम को इन्ही कारणों से रामपुर में सहानुभूति बटोरने का पूरा मौका मिल गया।
आजम खान ने प्रचार के दौरान कई सभाओं में आंसू बहाया। जनता से सवाल पूछा कि क्या वे डाकू हैं, क्या उनकी बीवी और बच्चे डाकू हैं। भाजपा यहां पर 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले तीसरे या चौथे स्थान पर रहती थी। 2017 में पार्टी के प्रत्याशी दूसरे स्थान पर थे। इस बार तो उसकी तैयारी फतह करने की थी लेकिन, सफलता नहीं मिली।