Pakistan: पहली बार पाकिस्तान ने वापस ली अपने आतंकी की लाश, घुसपैठ करते वक्त तबारक हुसैन को लगी थी गोली, इलाज के दौरान मरा
तबारक 21 अगस्त को अपने साथियों के साथ घुसपैठ कर रहा था। उसे गोली लगने के बाद साथी आतंकी वहीं छोड़कर वापस भाग गए थे। तबारक के पैर और कंधे पर गोली लगी थी। राजौरी में सेना के अस्पताल में उसे दाखिल कराया गया था। तबारक ने अस्पताल में ही मीडिया की पूछताछ में बताया था कि पाकिस्तानी सेना के एक कर्नल ने 30000 रुपए देकर उसे भारत में आत्मघाती हमले के लिए भेजा था।
नई दिल्ली। अब तक पाकिस्तान दावा करता था कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियां करने वाले उसके यहां के नहीं हैं। वो मारे गए आतंकियों की लाशें भी नहीं लेता था। अब पहली बार पाकिस्तान ने अपने यहां से आए आतंकी की लाश वापस ली है। इस आतंकी का नाम तबारक हुसैन था। तबारक को कश्मीर घाटी में घुसपैठ करते वक्त सेना की गोली लगी थी। उसका इलाज सेना के अस्पताल में चल रहा था। जहां बीते शनिवार को तबारक को हार्ट अटैक हुआ और वो मर गया। सेना की ओर से बताया गया है कि तबारक को नौशेरा सेक्टर में एलओसी पार करते वक्त गोली लगी थी। उसकी लाश को सोमवार पाकिस्तान को सौंप दिया गया।
तबारक 21 अगस्त को अपने साथियों के साथ घुसपैठ कर रहा था। उसे गोली लगने के बाद साथी आतंकी वहीं छोड़कर वापस भाग गए थे। तबारक के पैर और कंधे पर गोली लगी थी। राजौरी में सेना के अस्पताल में उसे दाखिल कराया गया था। तबारक ने अस्पताल में ही मीडिया की पूछताछ में बताया था कि पाकिस्तानी सेना के एक कर्नल ने 30000 रुपए देकर उसे भारत में आत्मघाती हमले के लिए भेजा था। उसने सेना की पोस्ट को निशाना बनाने की तैयारी की थी। तबारक ने बताया था कि वो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर POK के कोटली इलाके में स्थित सब्जकोट गांव का निवासी है।
तबारक की लाश को पाकिस्तान को वापस लेना पड़ा। इसकी बड़ी वजह ये है कि उसके पास से पाकिस्तानी दस्तावेज और आईडी वगैरा मिली थीं। तबारक ने मीडिया के कैमरे पर जो कुछ कहा था, उससे भी पाकिस्तान फंस गया था। बता दें कि पाकिस्तान ने 2008 में मुंबई पर हमला करने वाले कसाब और उसके साथियों के अलावा करगिल जंग के दौरान भी अपने जवानों की लाशें वापस लेने से इनकार कर दिया था। पाकिस्तान ने कहा था कि ये लोग उसके यहां के नहीं हैं। जबकि, सारे दस्तावेज इन सबके पाकिस्तानी होने की गवाही दे रहे थे।