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सुशांत मामला : मीडिया पर फूटा बॉम्बे हाईकोर्ट का गुस्सा, चेतावनी दी

बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने गुरुवार को मीडिया से सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) मामले पर जानकारी देते समय संयम बरतने को कहा, ताकि उनके बर्ताव से जांच में बाधा उत्पन्न न हो।

मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने गुरुवार को मीडिया से सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) मामले पर जानकारी देते समय संयम बरतने को कहा, ताकि उनके बर्ताव से जांच में बाधा उत्पन्न न हो। न्यायमूर्ति ए.ए. सईद और न्यायमूर्ति एस.पी. तावड़े की एक खंडपीठ ने कहा, “हम मीडिया से आग्रह करते हैं और अपेक्षा रखते हैं कि सुशांत की मौत पर रिपोर्टिग करते वक्त वे संयम बरतें, यह जांच में बाधा न बनें।”

bombay highcourt

महाराष्ट्र के आठ सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारियों और तीन अन्य कार्यकर्ताओं द्वारा दायर की गई दो जनहित याचिकाओं (पीआईएल) पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उत्तरदाताओं को भी नोटिस जारी किया और कहा कि मामले पर जांच कर रही केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो की मंजूरी मिलने के बाद मामले में मांगी गई राहत पर विचार किया जाएगा।

Sushant Singh

पूर्व आईपीएस अधिकारियों द्वारा जनहित याचिका के लिए तर्क देते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मिलिंद साठे ने मीडिया रिपोर्टिग को ‘समानांतर मीडिया ट्रायल’ कहा, जिसमें मुंबई पुलिस का तिरस्कार भी शामिल रहा और ऐसा खासकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए कहा गया। साठे ने कहा, “मीडिया ने वास्तव में जांच का जिम्मा अपने ऊपर ले लिया है, मुंबई पुलिस के साजिश में शामिल होने की बातें बताई जा रही हैं, एक दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार अभियान चलाया जा रहा है।”

उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ताओं को इस बात की चिंता नहीं है कि मामले की जांच कौन कर रहा है, अभियुक्त कौन है या पीड़ित कौन है, लेकिन रिपोर्टिग के बारे में चिंता जताई जा रही है, जिसमें पत्रकारिता की नैतिकता का उल्लंघन किया जा रहा है।